मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह?
03-Jul-2024 09:56 AM
By First Bihar
DESK: उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में सौ से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं। इस हादसे को लेकर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता के विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। इस कांड को लेकर दर्ज किए गए पहले केस में मुख्य सेवादार देवप्रकाश माथुर और आयोजकों को आरोपी बनाया गया है लेकिन बाबा का नाम नहीं है।
दरअसल, मंगलवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में आयोजित एक सत्यसंग के दौरान भगदड़ मच गई। जिसमें सौ से अधिक लोगों की जान चली गई है जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने इस मामले को लेकर पहला केस दर्ज किया है। हाथरस के सिकंदराराऊ थाने में दो जुलाई की देर रात ब्रजेश पांडेय नाम के शख्स ने केस दर्ज कराया।
पुलिस द्वारा दर्ज किए गए इस केस में सिकंदराराऊ के दमदपुरा के रहने वाले मुख्य सेवादार देवप्रकाश को आरोपी बनाया गया है लेकिन सत्संग करने वाले भोले बाबा का नाम शामिल नहीं है। ऐसे में पुलिस की इस एफआईआर पर सवाल भी उठ रहे हैं। इस बात की भी जांच की जा रही है कि सत्संग के लिए अनुमति ली गई थी या नहीं और अगर ली गई थी तो कितने लोगों के कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही गई थी।
कहा जा रहा है कि सत्संग के आयोजन के लिए जो अनुमति ली गई थी उसमें 80 हजार लोगों के शामिल होने की बात कही गई थी लेकिन दावा किया जा रहा है कि उससे कहीं अधिक लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। आयोजकों द्वारा पुलिस से लोगों की संख्या को कम बताया गया है। कहा जा रहा है कि करीब ढाई लाख लोग इस सत्संग में शामिल हुए थे। ये भी सवाल उठ रहे हैं कि इनती भीड़ होने के बावजूद मुकम्मल व्यवस्था क्यों नहीं की गई थी?