बिहार बदलाव यात्रा के तहत गोपालगंज के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रशांत किशोर, पहले दिन चार जनसभाओं को किया संबोधित छपरा और सीवान पहुंचे तेजस्वी यादव ने शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से हर संभव मदद का किया वादा BIHAR: मानसून में बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबंध, सेकेंड्री लोडिंग प्वाइंट से होगी आपूर्ति बिहार में MSP पर दलहन-तेलहन खरीद के लिए नई व्यवस्था होगी लागू, बाजार मूल्य की अनिश्चितता से किसानों को मिलेगी राहत Bihar Crime News: बिहार में लूटपाट के दौरान युवक को मारी गोली, घर लौटने के दौरान बदमाशों ने बीच रास्ते में घेरा Bihar News: बिहार के इस जिले में 1000 करोड़ की लागत से सीमेंट ग्राइंडिंग इकाई की होगी स्थापना, 200 एकड़ में लगेगा उद्योग...500 लोगों को रोजगार Bihar News: बिहार में मानसून में बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबंध, नहीं प्रभावित होगी आपूर्ति; सरकार ने की यह व्यवस्था Bihar News: बिहार में मानसून में बालू खनन पर पूर्ण प्रतिबंध, नहीं प्रभावित होगी आपूर्ति; सरकार ने की यह व्यवस्था Hot Water Bath: हर दिन गर्म पानी से नहा रहे हैं? सेहत पर पड़ सकता है ये असर; जानिए.. फायदे और नुकसान Hot Water Bath: हर दिन गर्म पानी से नहा रहे हैं? सेहत पर पड़ सकता है ये असर; जानिए.. फायदे और नुकसान
15-Apr-2020 12:17 PM
By
RANCHI : देश का कानून सभी के लिए एक समान बनाया गया है। क्या आम क्या खास सभी को इसका पालन करने है। लेकिन एक तरफ घर आने की जिद में लॉकडाउन तोड़कर सड़क पर उतरने वालों पर पुलिस लाठियां बरसा रही है तो वहीं दूसरी तरफ वहीं पुलिस माननीयों को एक राज्य से दूसरे राज्य उनके घर ( संसदीय क्षेत्र) जाने के लिए पास जारी कर देती है।
जी हां देश का कानून अमीर और गरीब , सक्षम और कमजोर, सबल और निर्बल में भेद करता दिख रहा है। आपको जो वाक्या हम बताने जा रहे हैं उसे पढ़ कर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि देश का कानून सचमुच भेदभाव करता है? झारखंड के दो सांसद तीन राज्यों को भेदते हुए दिल्ली से रांची पहुंच गये।धनबाद के सांसद पीएन सिंह और रांची के सांसद संजय सेठ अपने-अपने घर पहुंच गये। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से परमिशन लेकर ये दोनों सांसद दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर अपनी-अपनी कार से अपने घर पहुंच गये।
दरअसल ये दोनों की सांसद संसद का सत्र स्थगित होने के बाद से वे दिल्ली स्थिति अपने आवास पर क्वारंटाइन थे। लेकिन इसी बीच दोनों ही सांसद महोदय को अपने-अपने क्षेत्र की याद आ गयी। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को दलील दी कि संकट की इस घड़ी में वे अपने क्षेत्र के लोगों से कैसे दूर रह सकते हैं। वहां जाकर वे जनता की सेवा करना चाहते हैं।इस आधार पर दोनों की सांसदों को अनुमति मल गयी । दो हफ्ते से अधिक समय तक दिल्ली में गुजारने के बाद सासंद पीएन सिंह धनबाद को रवाना हो गए। उनका पूरा परिवार धनबाद में ही था। सांसद ने वाहन में ही खाने-पीने का भरपूर सामान स्टॉक किया और लगातार 17 घंटे का सफर तय कर धनबाद पहुंचे।इधर रांची के सांसद पीएन सिंह भी अपने संसदीय क्षेत्र रांची पहुंच गये।
नियमों के मुताबिक बाहर से आने वाले शख्स को 14 दिनों के क्वारेंटाइन पर जाना होता है। सांसद पीएन सिंह तो फिर भी अपने घर में क्वारंटाइन हो गए लेकिन संजय सेठ ने इस प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया। यहां तक कि वे रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे से भी मिले। उपायुक्त ने भी इसका संज्ञान नहीं लिया कि कैसे दूसरे राज्य से आकर सांसद क्वारंटाइन नहीं हुए।
अब बात करते हैं उस मुंबई की जहां 21 दिनों का लॉकडाउन की सीमा खत्म होने के उम्मीद में हजारों भूख से बिलबिलाते मजदूर मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर इस उम्मीद मे पहुंच गये कि किसी तरह ट्रेन पकड़ कर घर पहुंच जाएंगे कम से कम सूखी रोटी तो नसीब हो सकेगी। दरअसल ये हजारों मजदूर मुंबई के फैक्ट्रियों में काम करते थे लॉकडाउन की वजह से कामकाज ठप पड़ गया तो इनकी रोजी-रोटी पर भी आफत गया। ये सभी मजदूर ज्यादातर बिहार-.यूपी के थे। लेकिन घर पहुंचने की आस में स्टेशन पहुंचे तो जरूर लेकिन भीड़ जुटाने की गलती पर इन्हें पुलिस की लाठियां खानी पड़ी। उल्टे पांव फिर वे उसी भूख और गरीबी की दलदल में वापस पहुंच गए।
अब इन दो अलग-अलग संदर्भों को पढ़ने के बाद आप समझ गये होंगे कि कानून वक्त और व्यक्ति के हिसाब से अपना थोड़ रंग बदल देता है। लेकिन इस कोरोना जैसे विश्वव्यापी महामारी से सभी जूझ रहे हैं इस घड़ी में हमारा केवल एक ही कर्तव्य बनता है कि इसे मिटाने के लिए बनाए गये कानूनों का पालन करें घर में रह कर लॉकडाउन का पालन करें और सोशल डिस्टेंसिंग बना कर रखें। ये बीमारी किसी अमीर या गरीब जात या धर्म को देखकर नहीं पकड़ती । कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे भारत को अपने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बात मान कर घरों में ही रहना चाहिए चाहें वो आम हो या फिर खास ।