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16-Sep-2024 09:48 AM
By Dhiraj Kumar Singh
JAMUI : बिहार में स्वास्थ्य विभाग और इस विभाग का प्रभार संभाल रहे मंत्री के तरफ से लगातार यह दावा किया जाता है कि सूबे के अंदर अब घर गांव-कस्बे तक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध है। लेकिन, अब उनके इन दावों का बखूबी से पोल खुल रहा है। अब यह साफ़ मालूम चल रहा है कि मंगल पांडेय के तरफ से जो दावे किए जा रहे या केंद्र और बिहार सरकार के तरफ से जो दावे किए जा रहे हैं उसकी हकीकत क्या है ?
दरअसल, जमुई जिले के चकाई प्रखंड के पेटार पहाड़ी पंचायत का एक ऐसे गांव हैं। जहां बुनियादी सुविधाएं भी मयस्सर नहीं हैं। हालत यह है कि ग्रामीणों को पुल और पक्की सड़क भी नसीब नहीं है। इस कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। खासकर जब मरीज को अस्पताल पहुंचाना होता है तो खाट पर टांग कर ले जाने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता हैं।
बताया जा रहा है कि प्रखंड के पेटारपहाड़ी पंचायत के जलखरिया गांव में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहां गांव की एक व्यक्ति को खाट पर टांग कर ग्रामीणों ने 3 किलोमीटर का सफर तय कर उसे मुख्य सड़क पर मौजूद वाहन तक पहुंचाया। इसके बाद मरीज को देवघर अस्पताल पहुंचाया जा सका। प्रखंड के जलखरिया गांव निवासी अनिल दास को रविवार की सुबह को किसी विषेलें जीव ने काट लिया था।जिसके बाद उसकी स्थिति गंभीर हो गईं। इसके बाद स्थानीय ग्रामीणों ने मरीज के परिजन के साथ मिलकर खाट पर टांग कर वाहन तक पहुंचाया।
ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव तक पहुंचने के लिए एक नदी को पार करनी पड़ती हैं। जो कि आज तक नदी पर पुल नहीं बना सका। और ना ही पक्की सड़क नहीं बन पाई है। गांव तक पहुंचने के लिए अभी भी ग्रामीणों को नदी को पार करना पड़ता है। बरसात के मौसम में गांव तक कोई भी गाड़ी नहीं पहुंच पाती है। इसी कारण खाट पर टांग कर 3 किलोमीटर पैदल चलकर वाहन तक लाए।इसके बाद वाहन के सहारे देवघर अस्पताल ले जाया गया। ग्रामीणों का कहना हैं कि चुनाव के समय नदी पर पुल बनवाने का हर कोई वादा कर जाता है। उसके बाद सभी लोग हमारी परेशानी को भूल जाते हैं।