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11-Oct-2021 10:01 PM
By JITENDRA
BEGUSARAI: बेगूसराय के बरौनी प्रखंड के कार्यालय में उस वक्त अजीबोगरीब मामला सामने आया जब बरौनी प्रखंड के मैदा वभनगामा के निवर्तमान मुखिया मनोज कुमार चौधरी सोमवार को केंद्रीय कारा भागलपुर से बरौनी प्रखंड मुख्यालय आकर नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान वहां पर मौजूद लोगों में चर्चा का विषय बन गया।
बताते चलें कि 22 जनवरी 2021 को वे निगरानी के हत्थे चढ़े थे। इसके बाद निगरानी की टीम ने गिरफ्तार कर भागलपुर जेल भेज दिया। बताया जाता है कि करीब दस माह बाद भी न्यायालय से जमानत नहीं मिली। वही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद एक बार फिर मैदा वभनगामा पंचायत से मुखिया पद के लिए सोमवार को भागलपुर जेल से आए उनके हाथ में हथकड़ी लगी हुई थी।
अपने निजी खर्च से बरौनी प्रखंड मुख्यालय आकर समर्थकों, पत्नी गायत्री देवी के साथ बरौनी बीडीओ कार्यालय में निर्वाची पदाधिकारी सह बरौनी बीडीओ वीरेंद्र कुमार सिंह, विधि व्यवस्था के वरीय प्रभारी सह बरौनी सीओ सुजीत सुमन के समक्ष उन्होंने नामांकन दाखिल किया।
वही नामांकन दाखिल कराने के बाद कार्यालय से बाहर निकलने के बाद उनके समर्थकों ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया। निर्वाची पदाधिकारी सह बरौनी बीडीओ वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि निगरानी थाना कांड संख्या 2/21, स्पेशल विजिलेंस केस नंबर 03/21 के तहत जेल में बंद हैं। उन्होंने नामांकन दाखिल करने को लेकर पांच अक्टूबर को आवेदन दिया था। इसके बाद न्यायालय ने 11 अक्टूबर को नामांकन पत्र दाखिल करने की अनुमति प्रदान की। वही निवर्तमान मुखिया मनोज कुमार चौधरी ने कहा कि मुझे जान-बूझकर फंसाया गया है।
जानकारी के अनुसार पटना निगरानी की टीम बरौनी प्रखंड मुख्यालय परिसर से सात निश्चय योजना में 10 हजार रुपये कमीशन लेते हुए रंगेहाथ मैदा वभनगामा के मुखिया मनोज कुमार चौधरी एवं बिचौलिया हाजीपुर निवासी कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर पटना ले गया था। बताते चलें कि पटना निगरानी टीम के डीएसपी एसके मौआर ने बताया कि मैदा वभनगामा पंचायत के वार्ड संख्या चार के सदस्य निखहत के पति मो. परवेज आलम की शिकायत पर निगरानी की टीम बरौनी पहुंची और इसी दौरान बरौनी प्रखंड मुख्यालय परिसर में नल जल योजना के तहत मुखिया मनोज कुमार चौधरी के द्वारा मांगे गए 10 हजार रुपये कमीशन मो. परवेज आलम के द्वारा देते निगरानी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया था।