ब्रेकिंग न्यूज़

बेतिया में गंडक नदी की तेज धार में बहा चचरी पुल, कई गांवों का संपर्क टूटा हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राजद और कांग्रेस पर बोला हमला, कहा..आरक्षण विरोधी रहा है दोनों पार्टियों का चरित्र Bihar Ias Officers: बिहार के 12 IAS अफसरों को मिली एक और नई जिम्मेदारी, पूरी लिस्ट देखें.... Bihar News: बिहार के 544 CO पर हुआ एक्शन, फिर भी अंचल अधिकारियों पर नहीं पड़ रहा प्रभाव, मंत्री ने की हाईलेवल मीटिंग बेगूसराय में नदी में डूबने से 4 की मौत, खगड़िया में एक बच्ची की गई जान Bihar News: इन जिलों में अगले 2 दिन भीषण बारिश, IMD ने पहले कर दिया सावधान Bihar News: बिहार की इन 8 महिला समेत 13 अफसरों की लगी ड्यूटी, 19-20 तारीख को करेंगे यह काम पटना फतुहा में टाटा कमर्शियल गाड़ियों के सबसे बड़े शोरूम ‘बुद्धा शक्ति’ का उद्घाटन, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने किया शुभारंभ FASTag Yogna: कार, जीप, वैन मालिकों के लिए बड़ी खबर....3000 रू का पास बनाएं और देशभर में करें यात्रा अब घरों में इन्वर्टर लगाने की नहीं पड़ेगी जरूरत: बिहार के 15 शहरों में लगने जा रही हाई-कैपेसिटी बैटरी इन्वर्टर, पावर कट होते ही 4 घंटे मिलेगी बिजली

कोरोना से जंग में साइंटिस्ट को मिली यह बड़ी कामयाबी, इस तरह से होगा फायदा....

कोरोना से जंग में साइंटिस्ट को मिली यह बड़ी कामयाबी, इस तरह से होगा फायदा....

15-Aug-2020 01:15 PM

By

DESK : कोरोना से जंग में वैज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी मिली है. साइंटिस्ट ने यह पता लगा लिया है कि कोरोना संक्रमितों में लक्षण दिखने का क्रम क्या है. यह खोज सामने आने के बाद अब डॉक्टरों को अन्य रोगों की आशंका को खारिज करने में मदद मिलेगी और कोरोना पीड़ित को समय पर इलाज उपलब्ध कराया जा सकेगा.   

फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ मैगजीन में प्रकाशित स्टडी में यह दावा किया गया कि कोरोना के मरीजों में सबसे पहला संभावित लक्षण है बुखार, उसके बाद खांसी, मांसपेशियों में दर्द, मितली, उल्टी और फिर दस्त. यह स्टडी सामने आने के बाद डॉक्टर अब अन्य फ्लू और कोरोना में अंतर कर पाएंगे. 

साइंटिस्ट का कहना है कि क्रम के अनुसार समझने पर  डॉक्टर यह तय कर सकेंगे कि मरीजों की देखभाल के लिए क्या कदम उठाने की जरूरत है. इससे मरीजों को तुरंत सही इलाज मिल पाएगा. 

इस स्टडी के लिए रिसर्चर ने  चीन के 55,000 से अधिक संक्रमण के मामलों में से लक्षण वाले मामलों की दर का विश्लेषण किया. जिसका डेटा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 16 से 24 फरवरी के बीच एकत्र किया गया था. इसके साथ ही  रिसर्चर ने चाइना मेडिकल ट्रीटमेंट एक्सपर्ट ग्रुप की तरफ से उपलब्ध कराये गए 11 दिसंबर, 2019 से 29 जनवरी, 2020 के बीच के 1100 मरीजों के डेटा को भी अध्ययन में शामिल किया औऱ उसपर स्टडी की गई. जिसके बाद यह बात सामने आई है.