ब्रेकिंग न्यूज़

जब नीतीश के गांव में जाने की नहीं मिली इजाजत, तब बिहारशरीफ में गरजे प्रशांत किशोर, कहा..आज भ्रष्टाचार की कलई खुल जाती Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित BIHAR: कार साइड लगाने को लेकर बारात में बवाल, दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट-फायरिंग Life Style: पिंक सॉल्ट सफेद नमक से कैसे है अलग, शरीर के लिए कौन है अधिक फायदेमंद? Bihar School News: कैसे पढ़-लिखकर होशियार बनेंगे बिहार के बच्चे? हेडमास्टर ने नदी में फेंक दी किताबें Bihar News: JCB से टक्कर के बाद बाइक में लगी आग, झुलसने से युवक की दर्दनाक मौत Bihar News: सड़क हादसे में BPSC टीचर और उसके नवजात बच्चे की मौत, पांच शिक्षकों की हालत नाजुक Bihar News: सड़क हादसे में BPSC टीचर और उसके नवजात बच्चे की मौत, पांच शिक्षकों की हालत नाजुक Bihar Crime News: बिहार में अजब प्रेम की गजब कहानी, 60 साल के बॉयफ्रेंड संग फरार हो गई 50 साल की प्रेमिका, बचपन का प्यार बुढ़ापे में चढ़ा परवान

BJP ने नीतीश की शिक्षा नीति और अग्निपथ की तुलना कर साधा निशाना, संजय जायसवाल बोले.. तीन साल में ग्रेजुएशन नहीं करा पाते

BJP ने नीतीश की शिक्षा नीति और अग्निपथ की तुलना कर साधा निशाना, संजय जायसवाल बोले.. तीन साल में ग्रेजुएशन नहीं करा पाते

23-Jun-2022 10:19 AM

By

PATNA: बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सवाल पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अग्निवीर के विरोध के बीच अब उन्होंने स्त्नातक सत्र रेगुलर कराने की मांग कर दी है। संजय जायसवाल का कहना है कि तीन साल में बच्चों के ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी होनी चाहिए। सरकार सेशन की देरी पर ध्यान दें। 


संजय जायसवाल ने कहा कि मुझे तो हंसी आती है कि जेडीयू ने भी कह दिया कि अग्निपथ योजना पर पुर्नविचार करना चाहिए। उनके पास शिक्षा मंत्रालय है। वो खुद भी पुर्नविचार कर सकते हैं। हैरत की बात तो ये है कि अग्निपथ योजना के विरोध के दौरान संजय जायसवाल के आवास पर भी हमला हुआ था। इस दौरान उन्होंने प्रशासन की लापरवाही बता दी थी। अब जायसवाल ने जेडीयू को घेरे में ले लिया है। 


 प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि जेडीयू ने पुनर्विचार की मांग की थी। जब उनके पास शिक्षा मंत्रालय है तो वो खुद क्यों नहीं पुर्नविचार कर सकते। सरकार पहले स्त्नातक सत्र रेगुलर करा दे और सेशन की देरी पर ध्यान दे।