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17-Jan-2023 09:13 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार के एक गांव से पांच साल पहले जिस लड़की को किडनैप कर लिया गया था, अब उसका अता-पता चला है. पांच साल पहले उसके किडनैपिंग की एफआईआर दर्ज करायी गयी थी. उसके बाद लड़की के बारे में न तो पुलिस को कोई सुराग मिला और ना ही लड़की के परिजनों को कोई जानकारी हुई. अब ता चला कि वह लड़की दिल्ली पुलिस में सिपाही बन गयी है. पढ़िये एक लड़की की हैरान कर देने वाली कहानी।
पांच साल पहले अपहरण का केस
पांच साल पहले यानि 2018 में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बोचहां थाने में एक पिता ने पुलिस के समक्ष फरियाद लगायी. पिता ने कहा-उसकी 16 साल की बेटी को किडनैप कर लिया गया है. पुलिस से गुहार लगाने वाले व्यक्ति ने कहा कि वह बोचहां थाना क्षेत्र के माहपुर गांव का रहने वाला है. उसकी बेटी को बीच बाजार से किडनैप कर लिया गया है. किडनैपिंग की इस घटना को मुजफ्फरपुर जिले के ही हथौड़ी थाना क्षेत्र के शहबाजपुर गांव के तीन युवकों ने अंजाम दिया है, जिनके नाम मुन्ना, सुकेश औऱ सूरज हैं. पिता की फरियाद के बाद पुलिस ने लड़की के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कर ली।
पांच साल तक कोई अता-पता नहीं
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बोचहां थाने में 18 जून 2018 को किडनैपिंग का ये मामला दर्ज कर लिया गया. पुलिस ने मामले की छानबीन की लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा. इस बीच लड़की के पिता बार-बार थाने आते रहे. थाने में इस केस के कई आईओ बदल गये. दिलचस्प मोड़ 2023 में आया. बोचहां थाने में अरविंद प्रसाद नाम के थानेदार की पोस्टिंग हुई. अरविंद प्रसाद ने थाने में पोस्टिंग के बाद पुराने केसों की फाइल खंगालनी शुरू की तो अपहरण का ये मामला भी सामने आया. थानेदार ने पाया कि इस केस में न किसी आरोपी की गिरफ्तारी हुई औऱ ना ही लड़की का कोई अता-पता चला. लिहाजा केस के आईओ के साथ बात कर मामले को सुलझाने की नये सिरे से कोशिश शुरू कर दी गयी।
ऐसे मिला सुराग
नये सिरे से जांच में जुटी पुलिस ने सबसे पहले लड़की के पिता और परिवार के दूसरे लोगों से पूछताछ की. उन लोगों ने बताया कि पांच सालों से लड़की का कोई सुराग नहीं मिला है. इसके बाद पुलिस ने इस केस में आरोपी बनाये गये तीनों युवकों के घर पर दबिश डाली. तीनों आरोपियों के परिजनों ने उसके अपहरण के आऱोपों से इंकार किया. लेकिन पुलिस को इतनी जानकारी जरूर दी कि अपहृत बतायी जा रही लड़की उसके एक दूर के रिश्तेदार के संपर्क में है. पुलिस उस रिश्तेदार के घर जा पहुंची. वहां से उसे लड़की का मोबाइल नंबर मिल गया।
हैरान रह गयी मुजफ्फरपुर पुलिस
लड़की का नंबर मिलने के बाद बोचहां थाने के आईओ रामाशंकर ने उसे फोन लगाया. फोन उसी लड़की ने उठाया. बोचहां थाने के दारोगा ने लड़की को अपना परिचय दिया औऱ कहा कि वह उसके अपहरण के केस को सुलझाने में मदद करे. बोचहां पुलिस ने लड़की को थाने पर आने को कहा. लड़की थाने पर आने को तैयार हो गयी।
लड़की के संघर्ष की कहानी सामने आयी
मुजफ्फरपुर की बोचहां पुलिस के कहने पर अपहृत बतायी जा रही लड़की 16 जनवरी 2023 को बोचहां थाने पर पहुंची. लड़की की उम्र अब 21 साल हो चुकी है औऱ वह अभी भी अविवाहित है. उसने पुलिस को अपनी सारी कहानी सुनायी जिसे सुनकर बोचहां थाने के सारे पुलिसकर्मी हैरान रह गये. लड़की ने बताया कि उसका किसी ने अपहरण नहीं किया था. जिन लोगों को उसके अपहरण के केस में आऱोपी बनाया गया है वह उन लोगों को पहचानती तक नहीं है।
लड़की ने बताया कि वह अपने घर से खुद भाग गयी थी. उसके पिता बेहद गरीब थे औऱ वह उसे पढ़ाने लिखाने में सक्षम नहीं थे. ऐसे में उसकी शादी कराने की तैयारी की जा रही थी. लेकिन लड़की ने पढ़ लिख कर किसी मुकाम पर पहुंचने की सोंच रखी थी. लिहाजा शादी से पहले वह खुद ही अपने घर से भाग निकली. वह दिल्ली जाने वाली ट्रेन पर जा बैठी थी।
लड़की ने बताया कि दिल्ली पहुंचने के बाद उसने घरों में काम करना शुरू किया. उसके साथ ही अपनी पढ़ाई भी जारी रखी. उसने कई प्रतियोगी परीक्षा में भाग लिया. आखिरकार उसका सेलेक्शन दिल्ली पुलिस में हो गया. अभी वह दिल्ली पुलिस में सिपाही के तौर पर सेलेक्टेड होकर ट्रेनिंग ले रही है. उसके संघर्ष की कहानी को सुनकर बोचहां थाने के पुलिसकर्मियों ने उसे शाबासी दी. मंगलवार को लड़की का बयान कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराया गया. अपना बयान दर्ज कराने के बाद लड़की वापस दिल्ली लौट गयी, जहां उसे अपनी ट्रेनिंग पूरी करनी है.