सीवान में मनचलों ने छेड़खानी के दौरान दो लड़कियों पर चाकू से किया हमला, हालत गंभीर गया में सिंदूर महायज्ञ ने रचा इतिहास: अब तक 8 करोड़ आहुतियाँ, विकास और सनातन पर जोर आरा में संत सम्मेलन का भव्य आयोजन, अजय सिंह ने धर्म-संस्कृति पर दिया जागरूकता का संदेश नीतीश की योजनाओं का क्रेडिट ले रहे तेजस्वी यादव, बोले मंगल पांडेय..लालू परिवार ने किसी का भला नहीं किया 26 जून के छात्र-युवा संवाद को लेकर भोजपुर से जागरूकता रथ रवाना, रथयात्रा से गांव-गांव तक जागरूकता अभियान की शुरुआत नीतीश के गृह क्षेत्र में मुकेश सहनी ने किया वादा, कहा..हमारी सरकार बनी तो निषाद के खाते में 3 महीने तक दिया जाएगा ₹5000 बम की धमकी से मचा हड़कंप: यूके से दिल्ली आ रही एयर इंडिया फ्लाइट की सऊदी अरब में इमरजेंसी लैंडिंग Life Style: जब उम्मीद बाकी हो, तो कोशिशें चमत्कार कर सकती हैं; जानिए... राजा की कहानी परमानंदपुर पंचायत में VIP नेता संजीव मिश्रा का जनसंपर्क अभियान, बोले..अब गांव की सरकार गांव के लोगों के हाथ में होनी चाहिए Road Accident: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे सड़क हादसे में बिहार के युवक की मौत, बिजनेस के सिलसिले में गए थे दिल्ली
02-Oct-2023 03:02 PM
By FIRST BIHAR
PATNA: बिहार सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। सरकार द्वारा जारी जातीय गणना के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है। जिसमें अत्यंत पिछड़ा- 36 फीसदी, पिछड़ा वर्ग- 27 फीसदी, अनुसूचित जाति- 19 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 1.68 फीसदी है। अनारक्षित 15.52 % है। इनमें हिंदू समुदाय की आबादी 81.9%, मुस्लिम की आबादी 17.7%, ईसाई 0.05%, सिख- 0.01%, बौद्ध 0.08%, जैन 0.0096% और अन्य धर्म के लोगों की आबादी 0.12% है।
13 करोड़ से ज्यादा की आबादी में 10.07 करोड़ हिंदू और मुस्लिम की आबादी 2.31 करोड़ है। वही बिहार में दलितों की संख्या 2 करोड़ 78 लाख 89 हजार 211 है जो 21.33% है। सबसे ज्यादा आबादी दलितों में दुसाध, धारी, धरही की है जिसकी आबादी 5.311% हैं वही मुसहर की बात करे तो 3.08% आबादी है। जबकि चमार, मोची, चमार-रबिदास, चमार-रविदास,चमार-रोहिदास,चर्मरकार की आबादी दलितों में सबसे ज्यादा है। इनकी संख्या 68 लाख 69 हजार 664 है जो बिहार की पूरी जनसख्या का 5.25% हैं। दुसाध के बाद सबसे ज्यादा आबादी बिहार में चमार की है।
दरअसल, बिहार में सभी दलों की सहमति से जातीय गणना कराने पर सहमति बनी थी। सभी दलों की सहमति के बाद विधानमंडल के दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित हुआ। केंद्र सरकार के इनकार करने के बाद बिहार सरकार ने अपने बूते पर जातीय गणना का काम शुरू किया लेकिन जाति आधारित गणना को लेकर बिहार में खूब बवाल मचा था और मामला हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद दो चरणों में जातीय गणना का काम पूरा हुआ।
जातीय गणना का काम पूरा होने के बाद विपक्षी दल लगातार सरकार से जातीय गणना की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे थे। इसको लेकर सियासत भी खूब हो रही थी लेकिन आखिरकार नीतीश सरकार ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर जातीय गणना के आंकड़ों को सार्वजनिक कर दिया। बिहार सरकार की तरफ से बिहार जाति आधारित जनगणना में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा बताई गई है। जातीय गणना की पूरी लिस्ट देखिये...