ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: 15 सितंबर को अमृत भारत का परिचालन, जोगबनी और सहरसा से यहां तक चलेगी ट्रेन, प्रधानमंत्री दिखाएंगे हरी झंडी शिवहर में पिता पर नाबालिग बेटी से दुष्कर्म का आरोप, पुलिस ने दर्ज किया FIR अररिया में 4 दिनों से बिजली गायब: ट्रांसफार्मर नहीं बदले जाने से गुस्साए ग्रामीणों ने किया सड़क जाम हंगामा सहरसा में शिक्षिका के घर दिनदहाड़े चोरी, 10 लाख के जेवरात और नगदी पर किया हाथ साफ ब्रह्मपुर में NDA कार्यकर्ता सम्मेलन: BJP सहित सहयोगी दलों के नेताओं ने दिखाया शक्ति प्रदर्शन गोल एजुकेशन विलेज में "हाउ टू क्रैक नीट" सेमिनार, मेडिकल की तैयारी कर रहे सैकड़ों छात्रों ने लिया भाग Bihar News: बिहार में राजस्व महा–अभियान के तीसरे चरण को लेकर समीक्षा बैठक, अपर मुख्य सचिव और सचिव ने दिए ये निर्देश Bihar News: बिहार में राजस्व महा–अभियान के तीसरे चरण को लेकर समीक्षा बैठक, अपर मुख्य सचिव और सचिव ने दिए ये निर्देश सुमित सिंह हत्याकांड: राजद नेता रामबाबू सिंह ने राजपूत महापंचायत के आंदोलन को दिया समर्थन बड़हरा से अजय सिंह की पहल पर अयोध्या के लिए रवाना हुआ 15वां जत्था, अब तक 2700 श्रद्धालु कर चुके रामलला के दर्शन

बिहार : प्रसिद्ध महिला डॉक्टर ने किया सुसाइड, कमरे में फंदे से लटका मिला शव

बिहार : प्रसिद्ध महिला डॉक्टर ने किया सुसाइड, कमरे में फंदे से लटका मिला शव

09-May-2022 11:20 AM

By

SHEKHPURA : खबर शेखपुरा से है, जहां जिले की एक प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ ने खुदकुशी कर ली है। डॉ. बरखा सोलंकी ने रविवार की देर रात अपने घर में फांसी लगाकर अत्म हत्या कर ली। डॉ. बरखा सोलंकी का शव उनके कमरे में पंखे ले लटकता हुआ पाया गया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया और मामले के छानबीन में जुट गई है। 


डॉ. बरखा सोलंकी की मौत की खबर सुनते ही उनके जखराज स्थान गिरिहिंडा स्थित आवास पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। स्थानीय लोग पति-पत्नी के बीच चल रहे विवाद को आत्महत्या का कारण बता रहे हैं। 32 वर्षीय बरखा सोलंकी सेवानिवृत्त सिविल सर्जन डॉ एमपी सिंह की बेटी थी। वे शहर के जखराज स्थान के पास ही अपना क्लीनिक चलाती थी। इसके साथ ही वे शेखपुरा सदर अस्पताल शेखपुरा में चिकित्सक के पद पर तैनात थी।


गौरतलब है कि डॉ. बरखा सोलंकी जिले की प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ थी और सैकड़ों मरीजों का मुफ्त ऑपरेशन और इलाज कर चुकी थी। दूर-दूर से लोग डॉ सोलंकी से मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाने के लिए आते थे। डॉ. सोलंकी गरीब मरीजों की आखों का इलाज बिल्कुल मुफ्त किया करती थी। जिसके कारण जिले में उनकी एक अलग पहचान बन चुकी थी। लेकिन अचानक उनकी मौत की खबर से लोग हतप्रभ हो गए हैं।