शारदा सिन्हा को पद्म विभूषण, सुशील मोदी और पंकज उधास को पद्म भूषण अवार्ड, मरणोपरांत मिला सम्मान Sanjeev Mukhiya: EOU के सामने संजीव मुखिया कई राज उगले, कहा..पटना-रांची-दरभंगा-धनबाद के कई डॉक्टर सॉल्वर गैंग में थे शामिल बेटी की शादी से पहले होने वाले दामाद के साथ सास फरार, मोबाइल फोन बना इस अनोखे प्रेम कहानी का सूत्रधार Paresh Rawal: क्यों वीरू देवगन की सलाह पर 15 दिनों तक खुद का ही पेशाब पीते रहे परेश रावल, बाद में डॉक्टर्स भी रह गए थे हैरान पटना में बना अनोखा रिकॉर्ड, लॉ प्रेप ने रचा वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Manoj Bajpayee: खुद को 'सस्ता मजदूर' क्यों मानते हैं मनोज बाजपेयी? कारण जान आप भी कहेंगे ‘ये तो सरासर नाइंसाफी है’ दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Bihar Crime News: जमीनी विवाद को लेकर 2 पक्षों में खूनी संघर्ष, आधा दर्जन लोग घायल, गांव में दहशत का माहौल बिहार में बड़े पैमाने पर IAS अधिकारियों का तबादला, देखिए पूरी लिस्ट..
02-Dec-2024 06:41 PM
By First Bihar
GAYA: गया शहर से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसको देखकर हर कोई हैरान है। जिसने भी इस तस्वीर को देखा वह दंग रह गया। गया की डिप्टी मेयर सड़क पर सब्जी बेचते नजर आई हैं। जिसने भी इस नजारे को देखा वह चौंक गया। सभी के मन में यह सवाल था कि आखिर एक डिप्टी मेयर के सामने ऐसी कौन सी मजबूरी आ गई कि उसे सड़क पर बैठकर सब्जी बेचना पड़ रहा है?
दरअसल, गया नगर निगम की डिप्टी मेयर चिंता देवी ने एक अनोखे तरीके से अपना विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों द्वारा उपेक्षा किए जाने के विरोध में सार्वजनिक रूप से सब्जी बेची। चिंता देवी, जो पहले एक सफाई कर्मचारी थीं, ने 40 साल तक नगर निगम में सेवा दी है। जनता के अपार समर्थन से वे डिप्टी मेयर चुनी गईं।
डिप्टी मेयर बनने के बाद उन्हें नगर निगम के अधिकारियों से उचित सम्मान नहीं मिला। अधिकारी उनकी बातों को अनसुना कर देते थे। इससे निराश होकर चिंता देवी ने सब्जी बेचकर अपना विरोध जताया। उनका मानना है कि अगर एक डिप्टी मेयर को ही सम्मान नहीं मिल रहा है तो आम जनता की समस्याओं का समाधान कैसे होगा?
चिंता देवी की इस घटना ने नगर निगम के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए हैं। लोगों में इस बात को लेकर रोष है कि एक जनप्रतिनिधि को ही अगर सम्मान नहीं मिल रहा है तो आम जनता की आवाज को कौन सुनेगा? डिप्टी मेयर चिंता देवी ने जिस तरह से अनोखा विरोध जताया है, वह जिले में चर्चा का विषय बन गया है।