BIHAR: नौकरी और सरकारी योजनाओं के नाम पर ठगी, खगड़िया में साइबर ठग गिरफ्तार छपरा में एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन, सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और विपक्ष पर किया जोरदार हमला BIHAR NEWS : मां के सोते ही BA की छात्रा ने उठाया खौफनाक कदम, अब पुलिस कर रही जांच BIHAR CRIME : नशे में धुत बेटे ने पिता पर किया हमला, चाकू छीनकर पिता ने कर दी बेटे की हत्या BIHAR STET EXAM : जानिए बिहार STET एग्जाम का पैटर्न, 5 घंटे में पूछे जाएंगे 300 सवाल; गलत जवाब पर भी नहीं कटेंगे जवाब Asia Cup 2025: सूर्या की कप्तानी में आज दिखेगा भारत का दम-खम, इस एप पर देखें इंडिया और UAE का लाइव मुकाबला Bihar Government Scheme: सावधान ! महिला रोजगार योजना के नाम पर हो रहा बड़ा खेल, आपको भी आ रहा ऐसा लिंक तो ठहर जाए Bihar Train News: बिहार के स्टेशनों को मिली बड़ी राहत, रेलवे ने कई प्रमुख ट्रेनों के ठहराव को दी मंजूरी टी सी एच एदुसर्व 16 सितम्बर से नया बैच शुरू, 100% फीस माफी की सुविधा Bihar News: फ्री फायर गेम खेल रहा किशोर को अपराधियों ने मारी गोली, पुलिस कर रही छापेमारी
31-Jan-2022 09:04 PM
By
PATNA: बिहार के सरकारी स्कूलों में 125 करोड़ के सामान के सप्लाई के लिए सरकार की एजेंसी बिहार एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल, पटना ने 300 करोड़ का काम निकाला. टेंडर की शर्तें ऐसी कि बिहार का कोई व्यक्ति इसमें शामिल ही नहीं हो पाये. पटना हाईकोर्ट में आज जब सीनियर एडवोकेट पी.के. शाही ने ये मामला उठाया तो कोर्ट भी हैरान रह गया. कोर्ट ने इस टेंडर में वर्क ऑर्डर जारी करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है. सरकार से 10 दिनों के अंदर जवाब देने को भी कहा गया है.
हाईकोर्ट में सनसनीखेज खुलासा
पटना हाईकोर्ट में आज चीफ जस्टिस संजय करोल की बेंच ने सरकारी स्कूलों औऱ बच्चों के लिए मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक सामग्रियों की प्राप्ति और आपूर्ति के लिए बिहार एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल, पटना द्वारा निकाले गए टेंडर की प्रक्रिया पर दिया है. बिहार ऑफसेट प्रिंटर एसोसिएशन औऱ दूसरे लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये रोक लगायी. कोर्ट में टेंडर को रद्द करने की गुहारा लगायी गयी थी, जिसके बाद हाईकोर्ट की बेंच ने साफ तौर पर कहा कि अगले आदेश तक नीलाम की बोली लगाने वाले किसी भी बिडर के पक्ष में वर्क आर्डर जारी नहीं किया जाएगा.
याचिका दायर करने वालों की ओर से बहस करते हुए वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट को बताया कि निविदा की शर्तें इतनी सख्त रखी गयी कि बिहार राज्य का कोई व्यक्ति इसमें भाग लेने योग्य ही नहीं है. कोर्ट को बताया गया कि टेंडर की अधिकतम लागत 125 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, लेकिन 300 करोड़ रुपये का टेंडर निकाल दिया गया है. वरीय अधिवक्ता पी के शाही का कहना था कि नीलामी की शर्तें इस तरह से रखी गई है कि पसंद के लोग ही निविदा प्राप्त कर सकें.
सरकारी टेंडर के खिलाफ याचिका दायर करने वालों ने कोर्ट को बताया कि बिहार फाइनेंसियल रूल्स और स्टोर पर्चेज पॉलिसी को ताक पर रख कर टेंडर निकाल दिया गया. साल 2021-22 का टेंडर 23 दिसंबर, 2021 को निकाला गया. इस मामले में इस मामले में बिहार प्रोजेक्ट कॉउन्सिल ने जवाबा दे दिया है लेकिन कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को याचिका में उठाये गए सभी मुद्दों पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए 10 दिनों का समय दिया है.