BIHAR: 15 सितंबर को अमृत भारत का परिचालन, जोगबनी और सहरसा से यहां तक चलेगी ट्रेन, प्रधानमंत्री दिखाएंगे हरी झंडी शिवहर में पिता पर नाबालिग बेटी से दुष्कर्म का आरोप, पुलिस ने दर्ज किया FIR अररिया में 4 दिनों से बिजली गायब: ट्रांसफार्मर नहीं बदले जाने से गुस्साए ग्रामीणों ने किया सड़क जाम हंगामा सहरसा में शिक्षिका के घर दिनदहाड़े चोरी, 10 लाख के जेवरात और नगदी पर किया हाथ साफ ब्रह्मपुर में NDA कार्यकर्ता सम्मेलन: BJP सहित सहयोगी दलों के नेताओं ने दिखाया शक्ति प्रदर्शन गोल एजुकेशन विलेज में "हाउ टू क्रैक नीट" सेमिनार, मेडिकल की तैयारी कर रहे सैकड़ों छात्रों ने लिया भाग Bihar News: बिहार में राजस्व महा–अभियान के तीसरे चरण को लेकर समीक्षा बैठक, अपर मुख्य सचिव और सचिव ने दिए ये निर्देश Bihar News: बिहार में राजस्व महा–अभियान के तीसरे चरण को लेकर समीक्षा बैठक, अपर मुख्य सचिव और सचिव ने दिए ये निर्देश सुमित सिंह हत्याकांड: राजद नेता रामबाबू सिंह ने राजपूत महापंचायत के आंदोलन को दिया समर्थन बड़हरा से अजय सिंह की पहल पर अयोध्या के लिए रवाना हुआ 15वां जत्था, अब तक 2700 श्रद्धालु कर चुके रामलला के दर्शन
11-May-2022 02:47 PM
By
PATNA: बिहार में अब जनता के मत से मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होगा। इसको लेकर सरकार की ओर से सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है। हालांकि आरक्षण को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी किया, जिसके बाद बिहार में नगर निकाय चुनाव में आरक्षण की सीटों पर बात अटक गई है।
मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश सरकार से जुड़ा एक आदेश दिया, जिसका प्रभाव बिहार के नगर निकाय चुनाव पर देखने को मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई भी राज्य सरकार बिना ट्रिपल टेस्ट कराये ओबीसी वर्ग को स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण नहीं दे सकती। अब इसको लेकर लोगों के मन कई तरह के सवाल खड़े होने लग गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी किए गए इस फैसले के बाद बिहार राज्य निर्वाचन आयोग विवश हो गया है। बता दें कि इससे पहले तक नगरपालिका और स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट कराना अनिवार्य नहीं था। अदालत ने मध्य प्रदेश सरकार को आदेश दे दिया है कि वो बिना ओबीसी आरक्षण दिये स्थानीय निकाय चुनाव कराये। राज्य निर्वाचन आयोग को दो हफ्ते के अंदर अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देश दिया गया है।
आरक्षण कोटा 50 प्रतिशत की सीमा से ज्यादा न हो, यह राज्य को ही सुनिश्चित करना होगा। दरअसल, पैनल की बहाली, स्थानीय निकायवार सीमा और पीछड़ेपन को मापा जाना है। नगर निकाय चुनाव में इस बार आरक्षण को लेकर फेंच फंसा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट से आदेश मिलने के बाद लोगों के मन में सवाल खड़े हो रहे हैं कि आरक्षण को लेकर सरकार क्या फैसला लेगी।