ब्रेकिंग न्यूज़

बेटी की शादी से पहले होने वाले दामाद के साथ सास फरार, मोबाइल फोन बना इस अनोखे प्रेम कहानी का सूत्रधार Paresh Rawal: क्यों वीरू देवगन की सलाह पर 15 दिनों तक खुद का ही पेशाब पीते रहे परेश रावल, बाद में डॉक्टर्स भी रह गए थे हैरान पटना में बना अनोखा रिकॉर्ड, लॉ प्रेप ने रचा वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Manoj Bajpayee: खुद को 'सस्ता मजदूर' क्यों मानते हैं मनोज बाजपेयी? कारण जान आप भी कहेंगे ‘ये तो सरासर नाइंसाफी है’ दरभंगा में साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, टेलीग्राम के जरिए 2.61 लाख की ठगी, 65 हजार रुपये अकाउंट में कराया वापस Bihar Crime News: जमीनी विवाद को लेकर 2 पक्षों में खूनी संघर्ष, आधा दर्जन लोग घायल, गांव में दहशत का माहौल बिहार में बड़े पैमाने पर IAS अधिकारियों का तबादला, देखिए पूरी लिस्ट.. Chhaava: “छावा की सफलता का श्रेय विकी को नहीं जाता बल्कि..”, महेश मांजरेकर के बयान से मच गई सोशल मीडिया पर सनसनी Bihar Crime News: युवक की सरेआम हत्या से हड़कंप, बदमाशों ने बैक टू बैक दागी तीन गोलियां

बिहार में एक और घूसखोर सीओ को निगरानी ने दबोचा, दाखिल खारिज के लिए ले रहे थे रिश्वत

बिहार में एक और घूसखोर सीओ को निगरानी ने दबोचा, दाखिल खारिज के लिए ले रहे थे रिश्वत

13-Oct-2022 08:25 AM

By AJIT

JEHANABAD : बिहार में दाखिल खारिज को लेकर चल रहा वसूली का खेल कम होने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा खबर जहानाबाद जिले से सामने आई है, जिसमें निगरानी की टीम ने आज सुबह सवेरे का को अंचल अधिकारी को घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. काको के सीओ दिनेश प्रसाद को निगरानी की टीम ने आज जहानाबाद स्थित गांधी नगर मोहल्ले में सुबह सवेरे एक लाख रुपए घूस की रकम लेते हुए गिरफ्तार किया है.




दिनेश प्रसाद जहानाबाद जिले के काको अंचल अधिकारी हैं, जिन्हें पटना निगरानी विभाग की टीम ने जहानाबाद नगर थाना क्षेत्र के गांधीनगर मोहल्ले में सुबह सुबह एक लाख रूपये की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.




बता दें कि काको सीओ दिनेश प्रसाद जमीन की दाखिल खारिज के नाम पर एक लाख घूस की रकम ले रहे थे. इस मामले में शिकायतकर्ता ओएना गांव के रहने वाले राहुल कुमार ने बताया कि मेरा एक बीघा जमीन का दाखिल खारिज करने के एवज में वह हमसे एक लाख रुपए की मांग कर रहे थे, जिसको लेकर पिछले वह कई महीनों से हमें दौड़ा रहे थे, इन बातों से परेशान होकर हमने इसकी सूचना निगरानी विभाग को दी और तब यह जाकर बड़ी कार्रवाई हुई है.