BIHAR: 15 सितंबर को अमृत भारत का परिचालन, जोगबनी और सहरसा से यहां तक चलेगी ट्रेन, प्रधानमंत्री दिखाएंगे हरी झंडी शिवहर में पिता पर नाबालिग बेटी से दुष्कर्म का आरोप, पुलिस ने दर्ज किया FIR अररिया में 4 दिनों से बिजली गायब: ट्रांसफार्मर नहीं बदले जाने से गुस्साए ग्रामीणों ने किया सड़क जाम हंगामा सहरसा में शिक्षिका के घर दिनदहाड़े चोरी, 10 लाख के जेवरात और नगदी पर किया हाथ साफ ब्रह्मपुर में NDA कार्यकर्ता सम्मेलन: BJP सहित सहयोगी दलों के नेताओं ने दिखाया शक्ति प्रदर्शन गोल एजुकेशन विलेज में "हाउ टू क्रैक नीट" सेमिनार, मेडिकल की तैयारी कर रहे सैकड़ों छात्रों ने लिया भाग Bihar News: बिहार में राजस्व महा–अभियान के तीसरे चरण को लेकर समीक्षा बैठक, अपर मुख्य सचिव और सचिव ने दिए ये निर्देश Bihar News: बिहार में राजस्व महा–अभियान के तीसरे चरण को लेकर समीक्षा बैठक, अपर मुख्य सचिव और सचिव ने दिए ये निर्देश सुमित सिंह हत्याकांड: राजद नेता रामबाबू सिंह ने राजपूत महापंचायत के आंदोलन को दिया समर्थन बड़हरा से अजय सिंह की पहल पर अयोध्या के लिए रवाना हुआ 15वां जत्था, अब तक 2700 श्रद्धालु कर चुके रामलला के दर्शन
19-Apr-2022 07:34 AM
By
PATNA : बिहार में जमीन विवाद को बढ़ते हुए अपराध का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद कई दफे कह चुके हैं कि जमीन विवाद को लेकर अपराधिक घटनाएं ज्यादा होती हैं। इसे देखते हुए अब सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। जमीन विवाद से जुड़े मामले की मॉनिटरिंग अब पुलिस मुख्यालय के स्तर से होगी। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर संजय सिंह को इसके लिए नोडल अफसर की जिम्मेदारी दी जाएगी।
गृह विभाग ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिया है। जमीन विवाद के मामलों समेत अन्य मामलों को लेकर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद की अध्यक्षता में पिछले दिनों बैठक हुई थी। बैठक में अपर मुख्य सचिव ने जमीन विवाद से जुड़े मामलों की मॉनिटरिंग के लिए एडीजी लॉ एंड आर्डर संजय सिंह को नोडल अफसर बनाने को कहा था।
इतना ही नहीं गृह विभाग ने जमीन विवाद से जुड़े मामलों को एमआईएस पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है। वादी और प्रतिवादी का पूरा पता, अंचल कार्यालय की तरफ से दिए गए राजस्व अभिलेख के मुताबिक संपत्ति का पूरा ब्योरा और सीओ की नोटिंग के साथ–साथ दोनों पक्षों के दावे का आधार भी अपलोड करने के आदेश दिया गया है। गृह विभाग ने उन जिलों से भी स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया है जहां भूमि विवाद के निपटारे के लिए कम बैठकें हुई हैं।