BIHAR: 15 सितंबर को अमृत भारत का परिचालन, जोगबनी और सहरसा से यहां तक चलेगी ट्रेन, प्रधानमंत्री दिखाएंगे हरी झंडी शिवहर में पिता पर नाबालिग बेटी से दुष्कर्म का आरोप, पुलिस ने दर्ज किया FIR अररिया में 4 दिनों से बिजली गायब: ट्रांसफार्मर नहीं बदले जाने से गुस्साए ग्रामीणों ने किया सड़क जाम हंगामा सहरसा में शिक्षिका के घर दिनदहाड़े चोरी, 10 लाख के जेवरात और नगदी पर किया हाथ साफ ब्रह्मपुर में NDA कार्यकर्ता सम्मेलन: BJP सहित सहयोगी दलों के नेताओं ने दिखाया शक्ति प्रदर्शन गोल एजुकेशन विलेज में "हाउ टू क्रैक नीट" सेमिनार, मेडिकल की तैयारी कर रहे सैकड़ों छात्रों ने लिया भाग Bihar News: बिहार में राजस्व महा–अभियान के तीसरे चरण को लेकर समीक्षा बैठक, अपर मुख्य सचिव और सचिव ने दिए ये निर्देश Bihar News: बिहार में राजस्व महा–अभियान के तीसरे चरण को लेकर समीक्षा बैठक, अपर मुख्य सचिव और सचिव ने दिए ये निर्देश सुमित सिंह हत्याकांड: राजद नेता रामबाबू सिंह ने राजपूत महापंचायत के आंदोलन को दिया समर्थन बड़हरा से अजय सिंह की पहल पर अयोध्या के लिए रवाना हुआ 15वां जत्था, अब तक 2700 श्रद्धालु कर चुके रामलला के दर्शन
30-Sep-2021 02:35 PM
By
PATNA : बिहार में बीते दिनों सरकार ने BDO से पंचायत समिति के कार्यों की निगरानी करने का पावर छीन लिया था. अब नया आदेश जारी करते हुए सरकार ने कहा है कि पंचायत समिति के कार्यों की मॉनिटरिंग प्रखंड विकास पदाधिकारी पहले की ही तरह करते रहेंगे. विभाग ने यह भी कहा है कि बीडीओ ही समिति की स्थापना का कार्य देखेंगे.
आपको बता दें कि बीते दिनों बीडीओ की जगह बीपीआरओ को पंचायत समिति का कार्यपालक पदाधिकारी बनाया गया था. इसको लेकर पंचायत राज अधिनियम में संशोधन भी किया गया था. इसके बाद विभाग द्वारा बीपीआरओ को कार्यपालक पदाधिकारी के रूप में पदस्थापन किया गया था.
बीडीओ के कार्यों की अधिकता को देखते हुए सरकार ने अधिनियम में संशोधन कर यह व्यवस्था कायम की थी. इसी बीच विभाग ने एक बार फिर आदेश जारी करते हुए कहा है कि बीडीओ पहले की तरह मॉनिटरिंग और स्थापना का कार्य देखते रहेंगे.
गौरतलब है कि विधानमंडल के मानसून सत्र में पंचायती राज अधिनियम 2006 में संशोधन किया गया था. DDC और BDO पंचायती राज के अलावा भी कई कार्य होने के कारण पदाधिकारी पंचायत के काम पर अपना पूरा समय नहीं दे पाते थे, इसलिए यह बदलाव किये गए थे.
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने यह बताया था कि पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही पंचायती राज के कामों से BDO को अलग कर दिया जाएगा. बीडीओ की जगह अब उनके कार्यों को प्रखंडों में कार्यरत पंचायत राज पदाधिकारी देखेंगे. लेकिन वापस से उस फैसले को पहले की तरह ही कर दिया गया है.
इधर सरकार के इस फैसले के बाद प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारियों (बीपीआरओ) ने आपत्ति जतायी है और विभाग के प्रधान सचिव को इस संबंध में पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि अधिनियम की धारा 61 (ख) में यह प्रावधान है कि पंचायत समिति के अधीन कार्यरत पदाधिकारियों और कर्मचारियों या पदधारकों के कर्तव्यों का निर्धारण, पर्यवेक्षण और नियंत्रण कार्यपालक पदाधिकारी करेंगे. इस तरह यह आदेश कार्यपालक पदाधिकारियों को दी गई शक्ति के विरुद्ध है. ऐसे में दोनों पदाधिकारियों के बीच भ्रम और टकराव की स्थिति बनी रहेगी.