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26-Mar-2022 07:58 AM
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PATNA : बिहार की अदालतों में मुकदमों का बोझ बढ़ता जा रहा है. अभी तक शराबबंदी से जुड़े मामलों को लेकर बिहार सरकार को सुप्रीमकोर्ट से फटकार लग चुकी है. लेकिन अब ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि बिहार में सबसे ज्यादा मामले जमीन विवाद से जुड़े हैं. मुकदमों के बोझ से दबी देशभर की अदालतों में जमीन विवाद से जुड़े 57.15 लाख जबकि बिहार में 3.04 लाख मामले लंबित हैं.
कानून मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में लंबित दीवानी मुकदमों का 70.63% सिर्फ भूमि विवाद से जुड़े हैं. लंबित 25387 मुकदमे 30 साल पुराने हैं. भूमि विवाद के मामलों में बढ़ोतरी का हाल यह है कि एक साल में ही 1339545 मुकदमे देशभर की अदालतों में पंजीकृत हुए हैं. मुकदमों की निगरानी करनेवाली केंद्रीय एजेंसी नेशनल जस्टिस ग्रिड डाटा ने पूरी रिपोर्ट कानून मंत्रालय को भेजी है.
बिहार की 37 अदालतों में 75.85 प्रतिशत लंबित मुकदमे सिर्फ भूमि विवाद से जुड़े हैं. इनमें पटना में सर्वाधिक और शिवहर में सबसे कम मामले हैं. कोसी और पूर्वी बिहार में भागलपुर शीर्ष पर है. भागलपुर टॉप-10 में नौवें स्थान पर है. केस खत्म करने को दोनों पक्षों से सुलह कराने के लिए लोक अदालतें प्रयासरत हैं. आंशिक सफलताएं भी मिली हैं. बिहार राज्य सेवा प्राधिकार दीवानी मुकदमे के निष्पादन के लिए विशेष लोक अदालत लगाने पर विचार कर रहा है.
गौरतलब है कि बिहार में भूमि विवाद के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं. विवाद में हिंसक झड़प, लूटपाट और हत्या तक की वारदात हो रही है. बीते दिनों इसको लेकर कई घटनाएं हुईं. इसको देखते सरकार भी काफी गंभीर है. अब पुलिस महानिदेशक ने भी इस मामले में संज्ञान लेते हुए जरूरी निर्देश दिया है. बिहार पुलिस के महानिदेशक एसके सिंघल ने सभी पुलिस अधीक्षकों को अपनी मासिक रिपोर्ट समय से भेजने का निर्देश दिया है. इस मासिक रिपोर्ट में विशेषकर भूमि-विवाद से संबंधित मामलों की विवरणी मांगी गई है. इसकी मानीटरिंग की जवाबदेही डीआइजी व आइजी को दी गई है.