BIHAR: 15 सितंबर को अमृत भारत का परिचालन, जोगबनी और सहरसा से यहां तक चलेगी ट्रेन, प्रधानमंत्री दिखाएंगे हरी झंडी शिवहर में पिता पर नाबालिग बेटी से दुष्कर्म का आरोप, पुलिस ने दर्ज किया FIR अररिया में 4 दिनों से बिजली गायब: ट्रांसफार्मर नहीं बदले जाने से गुस्साए ग्रामीणों ने किया सड़क जाम हंगामा सहरसा में शिक्षिका के घर दिनदहाड़े चोरी, 10 लाख के जेवरात और नगदी पर किया हाथ साफ ब्रह्मपुर में NDA कार्यकर्ता सम्मेलन: BJP सहित सहयोगी दलों के नेताओं ने दिखाया शक्ति प्रदर्शन गोल एजुकेशन विलेज में "हाउ टू क्रैक नीट" सेमिनार, मेडिकल की तैयारी कर रहे सैकड़ों छात्रों ने लिया भाग Bihar News: बिहार में राजस्व महा–अभियान के तीसरे चरण को लेकर समीक्षा बैठक, अपर मुख्य सचिव और सचिव ने दिए ये निर्देश Bihar News: बिहार में राजस्व महा–अभियान के तीसरे चरण को लेकर समीक्षा बैठक, अपर मुख्य सचिव और सचिव ने दिए ये निर्देश सुमित सिंह हत्याकांड: राजद नेता रामबाबू सिंह ने राजपूत महापंचायत के आंदोलन को दिया समर्थन बड़हरा से अजय सिंह की पहल पर अयोध्या के लिए रवाना हुआ 15वां जत्था, अब तक 2700 श्रद्धालु कर चुके रामलला के दर्शन
21-Nov-2024 07:21 PM
By HARERAM DAS
BEGUSARAI: बेगूसराय न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शबा आलम ने शाम्हो प्रखंड अंतर्गत अकबरपुर पुरानी डीह में हुए एक डबल मर्डर मामले में 12 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
क्या था मामला
साल 2004 में अकबरपुर पुरानी डीह निवासी मुकेश सिंह ने नयागांव थाने में एक मामला दर्ज कराया था। मुकेश सिंह ने आरोप लगाया था कि 8 मार्च 2004 की रात को शाम्हो प्रखंड अंतर्गत अकबरपुर पुरानी डीह गांव के ठाकुरबाड़ी के पास उसके भाई सिपुल सिंह और ललन सिंह को घेरकर आरोपियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
कानूनी लड़ाई
इस मामले में सभी आरोपियों को वर्ष 2015 में जिला न्यायालय से बरी कर दिया गया था। लेकिन, सूचक मुकेश सिंह ने इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने इस मामले को फिर से खोलने का आदेश दिया और जिला न्यायालय को चार महीने के अंदर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा।
न्यायालय का फैसला
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शबा आलम ने 10 गवाहों की गवाही के आधार पर सभी 12 आरोपियों को भारतीय दंड विधान की धारा 302 (हत्या), 148 (दंगा), 149 (दंगा में शामिल होना) और आर्म्स एक्ट की धारा 27 (अनधिकृत रूप से हथियार रखना) के तहत दोषी करार दिया। न्यायालय ने प्रत्येक आरोपी पर आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही, धारा 148 के तहत 2 साल का कारावास और 2 हजार रुपये का जुर्माना और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत 2 साल का कारावास और 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।