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08-Sep-2024 05:33 PM
By First Bihar
BETTIAH: बिहार पुलिस के दारोगा की दबंगई बेतिया में सामने आई है। पीड़ित ने 25 हजार रूपये लेकर थाने से छोड़ने का आरोप लगाया है। बेतिया के मझौलिया थाने की पुलिस पर यह गंभीर आरोप लगा है। जहां जबरन एक शख्स को थाने के लॉकअप में बंद कर दिया और उसे छोड़ने के एवज में परिजनों से एक लाख रूपये की मांग की गयी थी। ग्रामीणों के थाने पर आने के बाद 25 हजार देने की बात तय हुई थी और 25 हजार मिलने के बाद ही दारोगा ने लॉकअप में बंद मामा-भांजे को छोड़ा।
बेतिया के मझौलिया थाना क्षेत्र के अमवा बैरागी गांव निवासी चन्दन प्रसाद ने पुलिस अधीक्षक अमरकेश डी को लिखित आवेदन देकर मझौलिया थाने में तैनात दरोगा बिहारी प्रसाद निराला पर गंभीर आरोप लगाया। भांजा चंदन प्रसाद ने बताया कि उसके मामा को जबरन थाने में ले जाकर बंद कर दिया गया और पैसे लेकर उन्हें छोड़ा गया। एसपी अमरकेश डी को भांजे ने जो आवेदन दिया उसमें इस बात का जिक्र है कि 2 सितंबर की रात करीब 8 बजे वह पूर्णिया के रानी पकड़ा गांव निवासी अपने मामा मनीष कुमार के साथ अमवा बजार गया हुआ था।
अचानक गाड़ी का पेट्रोल खत्म हो गया। सड़क किनारे अपने मामा को खड़ा करके वो बाजार से पेट्रोल लाने चला गया। इसी दौरान मझौलिया थाने के सब इंस्पेक्टर बिहारी प्रसाद निराला आए और उन्हें जबरदस्ती अपनी गाड़ी में बिठाकर साथ मझौलिया थाने लेकर चले गए। जहां उन्हें रात भर हाजत में बंद रखा गया। जब वह बाजार कर लौटा तो देखा की मामा नहीं है। जिसके बाद जब उनके फोन पर कॉल किया तो सारी बातों की जानकारी मामा ने उसे दी। फिर वो सब इंस्पेक्टर बिहारी प्रसाद निराला से भी फोन पर बात की। दारोगा ने बताया कि उनके मामा को उन्हीं ने पकड़ा है और थाने में रखा है। आपके मामा को हम नहीं छोड़ सकते। उनके पास से गांजा बरामद हुआ है।
उसने बताया कि जब अगले दिन मैं अपने मामा से मिलने थाने पर गया तो दारोगा बिहारी प्रसाद निराला गाली गलौज करने लगे। उन्होंने उसे भी हाजत में बंद कर दिया और छोड़ने के लिए एक लाख रुपए की मांग करने लगे। जिसके बाद भांजे ने अपने बड़े पापा और गांव के चार-पांच लोगों को इस बात की जानकारी दी। उन लोगों के थाने पर आने के बाद 25 हजार रुपए में बात तय हुई। जिसके बाद जब दारोगा बिहारी प्रसाद निराला ने 25 हजार रूपये लिया तब ही मामा और भांजे को छोड़ा। युवक ने एसपी को एक ऑडियो की रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध कराया है।
वही जब इस संबंध में बेतिया पुलिस अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी मिली है। जांच पड़ताल की जा रही है। जो ऑडियो क्लीप लड़के ने उपलब्ध कराया है उसमें कही भी पैसे मांगने का जिक्र नहीं है। मैंने खुद पूरा ऑडियो सुना है। उन्होंने बताया कि संदेह के आधार पर पुलिस युवक को पड़कर थाने लायी थी। लेकिन वेरीफाई करने के बाद प्रशिक्षु डीएसपी द्वारा उसे छोड़ा गया। दारोगा पर जो आरोप लगाया गया है वो बिल्कुल निराधार और गलत है।