ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Education News: सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल-प्रधान शिक्षकों का पावर कट, स्कूल के दूसरे शिक्षक को बड़ा अधिकार, ACS एस सिद्धार्थ ने सभी DEO को भेजा पत्र Road Accident: तेज बाइक चलाने की जिद ने ली दो दोस्तों की जान, तीसरे की हालत गंभीर SUPAUL: छातापुर में धूमधाम के साथ मनाई गयी भगवान परशुराम की जयंती, कार्यक्रम में आए सैकड़ों ब्राह्मणों का संजीव मिश्रा ने किया स्वागत Pahalgam Terror Attack: “तुम्हारे घर में घुसकर ऐसे आदमी को मारेंगे जो तुम्हारे लिए एक लाख के बराबर होगा”, लॉरेंस बिश्नोई गैंग का पाकिस्तान के नाम संदेश Bihar Crime News: बेख़ौफ़ अपराधियों ने फाइनेंस कर्मी को बनाया अपना शिकार, तलाश में पुलिस लगातार कर रही छापेमारी PATNA: 3 दिन से गायब महिला की लाश झाड़ियों से बरामद, गले पर गहरे निशान से हत्या की आशंका Bihar Farmers: बिहार के इस जिले में कद्दू बेचकर मालामाल हो रहे किसान, यह तरीका अपनाकर दुगनी कर रहे कमाई जमुई और लखीसराय का कुख्यात अपराधी मुन्ना यादव गिरफ्तार, लंबे समय से पुलिस को थी तलाश नवादा में बस और बाइक की टक्कर में युवक की मौत, फुफेरा भाई घायल, नानी के घर जा रहे थे दोनों Caste Census: देश भर होगी जातीय जनगणना, सुपर कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला

अपराध कर पकड़े गए तो DNA के साथ पूरा डाटा अपने पास रख लेगी पुलिस, मोदी सरकार ने आज नए कानून को संसद में रखा

अपराध कर पकड़े गए तो DNA के साथ पूरा डाटा अपने पास रख लेगी पुलिस, मोदी सरकार ने आज नए कानून को संसद में रखा

28-Mar-2022 03:36 PM

By

DELHI : अपराधियों पर नकेल कसने के लिए मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार अब जो नया कानून ला रही है उसमें अपराध के मामलों में पकड़े गए लोगों का पूरा ब्यौरा पुलिस के पास रखा जाएगा। पकड़े गए अपराधियों का डीएनए समेत सारी कुंडली पुलिस के पास रिकॉर्ड के रुप में रहेगी।


अपराधियों की पहचान को लेकर संसद में एक अहम बिल पेश हुआ है। जिसका उद्धेश्य अपराधियों की पहचान से जुड़े हर रिकॉर्ड को रखना है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने क्रिमिनल प्रोसीजर बिल 2022 लोकसभा में पेश किया। प्रस्ताव के दौरान निचले सदन में 120 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया जबकि 58 सदस्यों ने इसके विरुद्ध मतदान किया। 


बता दे कि यदि संसद में यह बिल पास हो गया तो अपराधियों की पहचान वाला मौजूदा कानून 1920 को निरस्त कर दिया जाएगा। मौजूदा कानून के बने 102 साल हो गये हैं। पहले के कानून में सिर्फ फुट प्रिंट और फिंगर प्रिंट की इजाजत है। नए क्रिमिनल प्रोसीजर बिल 2020 के पेश होने के बाद मौजूदा कानून प्रिजनर्स एक्ट 1920 को निरस्त किया जाएगा।


नए बिल में हिरासत में लिए गये आरोपियों और दोषियों के सभी तरह के माप लिया जाएगा। कानून बनने के बाद आरोपियों का रेटिना, फोटो, फिंगर प्रिंट, हथेलियों के प्रिंट, फुट प्रिंट और बायोलॉजिकल सैंपल, हैंडराइटिंग और सिग्नेचर का रिकॉर्ड भी रखा जाएगा। नया बिल जांच एजेंसियों के लिए कारगर साबित होगा।