बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी
31-Mar-2020 02:46 PM
By
PATNA : कोरोना महामारी ने देश भर में लोगों को परेशान कर दिया है. हिन्दुस्तान के अलग-अलग कोने से ऐसी-ऐसी तस्वीरें सामने आई है. जिसने लोगों के आंखों में आंसू भर दिया. एक ऐसी ही घटना सामने आई है. जिसने लोगों के दिनों में वेदना भर दी. लॉक डाउन की स्थिति में गाड़ी की सुविधा नहीं मिलने के कारण एक प्रेग्नेंट महिला 400 किलोमीटर चलकर अपने घर पहुंची.
मामला उत्तर प्रदेश के जालौन जिले की है. जहां लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के पलायन की की तस्वीरे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. आठ महीने की गर्भवती 25 साल की अंजु देवी पूरे दो दिन और दो रात पैदल सड़क पर चलकर अपने घर पहुंची. प्रेग्नेंट महिला अपने 28 साल के पति अशोक के साथ गांव राठ पहुंचकर स्वास्थ्य केंद्र में गई और जांच कराई. अंजु नोएडा से अपने पति के साथ घर के लिए चली थी. जो सड़क पर 400 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर अपने घाट पहुंची.
अंजु ने बताया कि 'मैं अपने आने वाले बच्चे के लिए परेशान थी लेकिन गांव पहुंचकर खुश हूं. कॉन्ट्रैक्टर ने पैसा देने में देरी कर दी इस वजह से हम पहले नहीं आ सके.' 25 मार्च को नोएडा से आते वक्त दंपती अपने साथ पूड़ी और सब्जी लेकर चला था, जिसे उसी रात को खा लिया था. अशोक ने बताया, 'इसके बाद कुछ लोगों ने हाइवे में हमें कुछ खाना-पीना दिया जिससे हमारा-गुजारा हो सका.'
महिला और उसका पति नोएडा में पिछले 5 साल के कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे थे. अशोक एक भूमिहीन किसान हैं और नोएडा में कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करते हैं. उन्होंने बताया कि वे लगातार फोन पर उनसे संपर्क में थे और उनकी सुरक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे थे. डॉक्टरों ने थर्मल स्क्रीनिंग की और दंपती को स्वस्थ बताया. लांकि 14 दिनों के लिए एहतियाती वह खुद को क्वारंटाइन पर रहने का निर्देश दिया गया है.