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05-Jul-2022 07:21 PM
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PATNA: पटना के फ्रेजर रोड स्थित भारतीय नृत्य कला मंदिर सभागार में 17 जुलाई को महफिल ए मुशायरा होने जा रहा है। इसमें देश और विदेश से 10 चर्चित शायर शिरकत करेंगे। इस मुशायरे का आयोजन दुबई की साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था नविशता द्वारा पटना लिटरेरी फेस्टिवल के साथ मिलकर किया जा रहा है।
मुशायरा में शिरकत करने वाले ये शायर उर्दू शायरी के विविध रंगों को पेश कर इस शाम को यादगार बना देंगे। इन शायरों में अहया भोजपुरी ,शबीना अदीब, शकील आजमी, आलम खुर्शीद, अज्म शाकिरी, अजहर इकबाल, सपना मूलचंदानी, सरवर नेपाली, माधव नूर, प्रेरणा प्रताप शामिल हैं।
उर्दू भाषा और साहित्य को बढ़ावा दे रहा नविशता
इस मुशायरे के बारे में जानकारी देते हुए नविशता के संस्थापक, सचिव और चर्चित शायर अहया भोजपुरी ने बताया कि नाविशता की ओर से होने वाले इस कार्यक्रम का मकसद पटना में साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। कोरोना काल में उर्दू तहजीब से जुड़ी गतिविधियां थम सी गयी थी ऐसे में शायरी कि यह महफिल पटना में एक बार फिर से पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाने का काम करेगी। उन्होंने बताया कि नविशता दुबई की साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था है जो भारत समेत दुनिया भर में उर्दू भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने के मकसद को लेकर काम करती है।
दुबई में रहते पर दिल पटना में बसता है
अहया भोजपुरी एक कामयाब इन्जीनियर हैं जो दुबई में पिछले 20 वर्ष से काम कर रहे हैं। करियर में काफी ऊंचाईयों को छूने के बावजूद जमीन से जुड़े हुए हैं। वे पटना के मूलनिवासी हैं। बचपन पटना में बीता है। आज भी उनका दिल पटना में बसता है। साहित्य- संस्कृति से जुड़े पटना के गौरवशाली इतिहास को बखूबी जानते हैं इसलिए इसे बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं। उनका मकसद पटना में उर्दू तहजीब का बेहतर माहौल बनाना है। पटना के रजा हाईस्कूल से स्कूली शिक्षा हासिल करने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से आगे की उच्च शिक्षा हासिल की है।
मुशायरा से देंगे मोहब्बत का पैगाम
उर्दू भाषा और साहित्य से उनका लगाव बचपन से ही रहा है। परिवार से अदब और अदबी माहौल विरासत में मिला है। करियर से जब थोड़ा वक्त मिला तो 2008 से शायरी की दुनिया में आएं। अहया भोजपुरी कहते हैं कि पटना जगह है मोहब्बत और इंकलाब की, जहां से सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है जैसे गीत लिखे गए। जहां शाद अजीमाबादी जैसे महान शायर पैदा हुए। इस मुशायरे से एक बार फिर से पटना में मोहब्बत का पैगाम दिया जायेगा।
अहया भोजपुरी की शायरीः
ऽ मेरा घर जलाने वाले मुझे फिक्र है तेरी भी
कि हवा का रूख जो बदला, तेरा घर भी जल ना जाए
ऽ दुनिया वालों से कभी मैं ने छुपाया ही नहीं
खैर! होता भी नहीं इश्क छुपाने के लिए
ऽ खुशबू बिखेरना मेरी फितरत है दोस्तों
खुशबू बिखेरता हूँ मैं गुलदान छोड़कर
ऽ जब मुसीबत कभी खुद पे अहया पड़ी
फलसफा सब धरा का धरा रह गया
पटना लिटरेरी फेस्टिवल के सचिव खुर्शीद अहमद ने बताया कि उर्दू अदब और शायरी से मोहब्बत करने वाले श्रोताओं के लिए यह एक बेहतरीन मुशायरा होगा। इसमें एक ही मंच पर 10 दिग्गज और मशहूर शायरों को सुनने का मौका मिलेगा। इस कार्यक्रम में इंट्री आमंत्रण पत्र या पास के आधार पर होगी। पटना लिटरेरी फेस्टिवल पिछले 3 सालों से लगातार उर्दू अदब और तहजीब पर काम कर रही है। पी.एल.एफ. अब तक लाइव और वर्चूअल मिलाकर लगभग 10 प्रोग्राम करवा चुकी है। जिसमें देश-विदेश के लगभग 30 से 40 शायर भाग ले चुके हैं। जिनमें फरहत शहजाद, ए.एम. तुराज, मनोज मुंतशिर, मुनव्वर राणा, शबीना अदीब, राधिका चोपड़ा, मंसुर उस्मानी शामिल थें।