ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Politics: ‘लोगों को बेवकूफ बनाकर वोट लेने आ रहे हैं’ राहुल गांधी के बिहार दौरे पर प्रशांत किशोर का हमला Bihar Politics: ‘लोगों को बेवकूफ बनाकर वोट लेने आ रहे हैं’ राहुल गांधी के बिहार दौरे पर प्रशांत किशोर का हमला दरभंगा में पुरानी कमला नदी पर 26.26 करोड़ की लागत से बनेगा गेटेड वीयर: सम्राट चौधरी मुंगेर के तारापुर में लगेगी 29.88 करोड़ की शिव प्रतिमा, बनेगा आधुनिक पार्क: सम्राट चौधरी Patna News: पटना के गांधी मैदान में आम लोगों की एंट्री हुई बैन, सरकार ने जारी किया आदेश; जानिए.. Patna News: पटना के गांधी मैदान में आम लोगों की एंट्री हुई बैन, सरकार ने जारी किया आदेश; जानिए.. Bihar Crime News: बिहार में पान का जर्दा नहीं देने पर दुकानदार की हत्या, कोर्ट ने दो दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा एक स्कूल ऐसा भी: बिहार के इस विद्यालय में होता है टेंट में पढ़ाई, भीषण गर्मी और बारिश में बच्चों को होती है भारी परेशानी Bihar Crime News: अवैध हथियार निर्माण के खिलाफ पुलिस कि बड़ी कार्रवाई, 6 मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा Bihar Crime News: अवैध हथियार निर्माण के खिलाफ पुलिस कि बड़ी कार्रवाई, 6 मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा

PM Awas Yojana 2025: PM आवास योजना में फर्जीवाड़ा! पक्के मकान वालों ने भी कराया नाम दर्ज, जांच शुरू

PM Awas Yojana 2025: प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत इस बार राज्य के सभी जिलों में सर्वेक्षण कार्य संपन्न हो चुका है. खास बात यह रही कि इस बार ग्रामीणों को सेल्फ सर्वे का भी विकल्प दिया गया था.

PM Awas Yojana 2025

12-Jun-2025 11:16 AM

By First Bihar

PM Awas Yojana 2025: प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत इस बार राज्य के सभी जिलों में सर्वेक्षण कार्य संपन्न हो चुका है। खास बात यह रही कि इस बार ग्रामीणों को सेल्फ सर्वे का भी विकल्प दिया गया था, जिसमें लोग खुद मोबाइल ऐप के माध्यम से अपने आवास की स्थिति और व्यक्तिगत विवरण दर्ज कर सकते थे। इस पहल का उद्देश्य पारदर्शिता और सहभागिता को बढ़ावा देना था।


प्राप्त जानकारी के अनुसार, विभिन्न प्रखंडों से कुल करीब 65 हजार लोगों ने ऐप के जरिए स्वयं अपना नाम सूची में जोड़ा। पूरे सर्वे में कुल 4.43 लाख नए लाभुकों के नाम जुड़े हैं, जिसमें ये 65 हजार सेल्फ सर्वे वाले शामिल हैं। इनमें से सबसे अधिक भागीदारी पारू प्रखंड में रही, जहाँ 9788 लोगों ने सेल्फ सर्वे किया, जबकि सबसे कम मुरौल प्रखंड में केवल 1034 लोगों ने इस प्रक्रिया में भाग लिया।


हालांकि, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जब इस सूची की प्रारंभिक जांच की गई, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जांच में पाया गया कि कई ऐसे लोगों ने भी आवेदन किया है जिनके पास पहले से पक्का मकान मौजूद है। ऐसे लाभार्थी योजना के मापदंडों के अनुसार अयोग्य हैं। अब इन सभी मामलों की भौतिक सत्यापन (फिजिकल वेरिफिकेशन) कराया जाएगा। सत्यापन के दौरान यदि कोई आवेदक अयोग्य पाया जाता है, तो उसका नाम लाभुक सूची से हटा दिया जाएगा।


विभागीय अधिकारियों के अनुसार, भौतिक जांच पूरी होने के बाद मुख्यालय स्तर से अंतिम सूची को मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद ही जिलों को आवास निर्माण के लिए लक्ष्य (target allocation) दिया जाएगा। इस योजना के तहत तीन माह के भीतर आवास निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ताकि पात्र लोगों को जल्द से जल्द लाभ मिल सके।


हालांकि, अब तक केंद्र या राज्य स्तर से आगे की प्रक्रिया के संबंध में कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। ऐसे में जिलों को फिलहाल निर्देश है कि वे प्राथमिक जांच और भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया को गंभीरता से पूरा करें, जिससे पात्रता को लेकर किसी तरह की गड़बड़ी न हो।


यह सर्वे और सत्यापन प्रक्रिया इस बात की भी परीक्षा है कि तकनीक के साथ योजनाओं को जोड़ने पर कितनी पारदर्शिता आ सकती है, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि इसका दुरुपयोग न हो। विभागीय सूत्रों के अनुसार, सत्यापन के बाद लाभुकों की अंतिम सूची में कई हजार नामों को हटाया जा सकता है, जिससे केवल असली जरूरतमंदों को ही इस योजना का लाभ मिल सके।