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03-Sep-2025 11:08 AM
By First Bihar
BIHAR ELECTION : बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सत्ता में काबिज पार्टी हो या विपक्ष—हर कोई अपनी-अपनी रणनीति और शक्ति प्रदर्शन में जुट गया है। दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज हो चुका है। लेकिन चुनावी सरगर्मी के बीच एक बार फिर चर्चा 2020 के विधानसभा चुनाव की उठ रही है, जब कई सीटों पर नतीजे बेहद रोमांचक रहे थे और हार-जीत का अंतर हजारों में नहीं बल्कि सैकड़ों और दहाई अंकों तक सिमट गया था। सवाल उठता है कि क्या 2025 में भी वैसा ही नजारा देखने को मिलेगा या समीकरण पूरी तरह बदल जाएंगे।
पांच साल पहले हुए चुनाव में करीब तीन दर्जन विधानसभा सीटें ऐसी थीं जहां जीत का अंतर 3000 से भी कम वोटों का रहा। इनमें से 17 सीटें महागठबंधन के खाते में गईं, 19 सीटें एनडीए ने जीतीं और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने बाजी मारी।
सबसे बड़ा उदाहरण हिलसा विधानसभा सीट रही, जहां जदयू उम्मीदवार कृष्ण मुरारी शरण ने राजद के शक्ति सिंह यादव को महज 12 वोटों से हराया था। इस नतीजे को लेकर जमकर विवाद और धांधली के आरोप लगे थे।
सिमरी बख्तियारपुर : राजद के चौधरी युसूफ सलाउद्दीन ने वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को 1759 वोटों से हराया।
सुगौली : राजद के शशिभूषण सिंह ने वीआईपी के रामचंद्र सहनी को 3447 वोटों से हराया।
बखरी : भाकपा के सूर्यकांत पासवान 777 वोट से जीते।
डेहरी आन सोन : राजद के फतेह बहादुर कुशवाहा 464 वोट से जीते।
कल्याणपुर : राजद के मनोज कुमार यादव 1197 वोट से जीते।
किशनगंज : कांग्रेस के इजरारूल हक 1381 वोट से जीते।
खगड़िया : कांग्रेस के छत्रपति सिंह यादव 3000 वोट से जीते।
सिवान : राजद के अवध बिहारी चौधरी 1973 वोट से जीते।
इसके अलावा दरभंगा ग्रामीण, राजापाकर, भागलपुर, औरंगाबाद, अलौली और महाराजगंज जैसी कई सीटों पर भी जीत का अंतर 2000 से कम वोट रहा।
परिहार : भाजपा की गायत्री देवी 1569 वोट से जीतीं।
रानीगंज : जदयू के अचमित सदा 2304 वोट से जीते।
सकरा : जदयू के अशोक चौधरी 1537 वोट से जीते।
भोरे : जदयू के सुनील कुमार 462 वोट से जीते।
बछवाड़ा : भाजपा के सुरेश मेहता 484 वोट से जीते।
मुंगेर : भाजपा के प्रणव कुमार दास 1244 वोट से जीते।
बरबीघा : जदयू के सुदर्शन कुमार 113 वोट से जीते।
आरा : भाजपा के अमरेंद्र प्रताप सिंह 3002 वोट से जीते।
इसी तरह टिकारी, झाझा, बहादुरपुर और अलीनगर जैसी सीटों पर भी जीत का फासला बेहद कम रहा।
मटिहानी : लोजपा के राजकुमार सिंह 333 वोट से जीते थे। अब वे जदयू में शामिल हो चुके हैं।
चकाई : निर्दलीय सुमित कुमार सिंह ने राजद की सावित्री देवी को 581 वोट से हराया और बाद में नीतीश सरकार का समर्थन किया।
2020 का नजारा बताता है कि बिहार चुनाव में कई सीटें बेहद करीबी मुकाबले वाली होती हैं। इस बार गठबंधन बदले हैं, नेता पाला बदल चुके हैं और नए समीकरण तैयार हो रहे हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या 2025 में भी कुछ सीटों पर हार-जीत महज सैकड़ों वोटों में तय होगी या तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी।