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10-May-2025 07:06 PM
By First Bihar
Cyber Fraud: साइबर ठग हर दिन लोगों को झांसे में लेने के लिए नई तरकीबें अपनाते हैं। ताजा मामला बिहार के वीरपुर (सुपौल जिला) से सामने आया है, जहां एक व्यक्ति से उसकी पत्नी की आंगनबाड़ी सुपरवाइजर पद पर चयन की फर्जी सूचना देकर 11.55 लाख रुपये ठग लिए गए। यह ठगी कई सप्ताहों तक अलग-अलग तरीकों से की गई, और जब तक युवक को सच्चाई का एहसास हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
जानकारी के मुताबिक, पीड़ित युवक की पत्नी ने वर्ष 2019 में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर पद के लिए आवेदन किया था। इसी आधार पर 24 जनवरी 2025 को पीड़ित के मोबाइल पर दो अलग-अलग नंबरों से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को विभाग का अधिकारी बताकर बताया कि उनकी पत्नी का चयन हो गया है और जल्दी ही नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके बाद लगातार फोन, व्हाट्सएप मैसेज और ईमेल के जरिए युवक को तरह-तरह के शुल्कों के नाम पर रकम जमा करने को कहा गया।
ठगी की पूरी टाइमलाइन में 5 फरवरी- ज्वाइनिंग लेटर बनाने के नाम पर ₹48,000, 7 फरवरी- सिक्योरिटी मनी के नाम पर ₹35,000, 13 फरवरी- काउंसलिंग और मुहर शुल्क ₹1,20,000, 19 फरवरी- डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन के नाम पर ₹2,40,000, 27 फरवरी- ट्रेनिंग चार्ज (रिफंडेबल) ₹1,70,700, 3 मार्च- ट्रेनिंग चार्ज की दूसरी किस्त ₹ 25 मार्च- एनओसी शुल्क ₹1,86,500, 8 अप्रैल- मेडिकल टेस्ट के नाम पर ₹2,00,000, 16 अप्रैल- अवैध रूप से मांगे गए ₹3,00,000 (यहीं जाकर शक हुआ), सभी ट्रांजेक्शन छह अलग-अलग बैंक खातों में किए गए।
जब ठगों ने 16 अप्रैल को अवैध रूप से ₹3 लाख और मांगे, तब पीड़ित को ठगी का शक हुआ। उन्होंने 17 अप्रैल को सरकार के साइबर ठगी हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई, और साथ ही साइबर थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इस घटना से साफ है कि साइबर अपराधी सरकारी भर्तियों के पुराने डेटा का उपयोग कर लोगों को झांसे में ले रहे हैं। बिना सत्यापन के किसी भी फोन कॉल या ईमेल पर विश्वास करना खतरनाक हो सकता है। विभागीय नियुक्तियों की जानकारी हमेशा आधिकारिक वेबसाइट या नोटिफिकेशन के माध्यम से ही दी जाती है।
सावधानी रखें, ठगी से बचें किसी भी अनजान नंबर से आए कॉल पर सीधे विश्वास न करें। किसी भी सरकारी चयन की जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट देखें। व्यक्तिगत जानकारी, OTP, बैंक डिटेल्स किसी से साझा न करें। ठगी का अंदेशा हो तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या निकटतम साइबर थाना में रिपोर्ट करें। यह घटना उन सभी लोगों के लिए चेतावनी है जो सरकारी नौकरी की प्रतीक्षा में हैं। साइबर अपराधी किसी भी भावनात्मक या अधूरी प्रक्रिया का लाभ उठा सकते हैं। जागरूक रहें, सतर्क रहें।