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25-Jun-2025 09:17 PM
By DEEPAK RAJ
BAGAHA:डॉक्टर को लोग धरती का भगवान मानते हैं। वो जो सलाह देते हैं, वो मरीज करता है। लेकिन मरीज और डॉक्टर के बीच के इस विश्वास को तोड़ने का काम छोलाछाप डॉक्टर करता है। बिहार के पश्चिम चंपारण के बगहा में एक झोला छाप डॉक्टर की करतूत सामने आई है। जहां इलाज में लापरवाही के कारण जच्चा-बच्चा की मौत हो गयी।
दोनों की जान सरकारी अस्पताल की आशा कार्यकर्ता और झोलाछाप डॉक्टर ने ले ली। इस घटना के बाद डॉक्टर क्लिनिक छोड़कर फरार हो गया है। वही परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन आरोपी झोलाछाप चिकित्सक पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। घटना नगर थाना क्षेत्र के चखनी छतरौल की है। जहां नीम हकीम के चक्कर में प्रसूता और नवजात की तड़प-तड़प कर मौत हो गयी।
कच्चे मकान में गर्भवती महिला का ऑपरेशन किया गया था। जच्चा-बच्चा की मौत के बाद डॉ.प्रवीण तिवारी चैंबर छोड़कर फरार हो गया है। लेकिन परिजनों ने वहां मौजूद झोलाछाप सर्जन मनोज यादव को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। टाउन थाने की पुलिस ने धनहा निवासी मुन्नी देवी और मृत बच्चे के शव को बरामद किया। परिजनों ने बताया कि गंभीर हालत में एसडीएच से मरीज को बेतिया रेफर किया गया था लेकिन वहां की आशा कार्यकर्ता के चंगुल में परिजन आ गये।
आशा ने उन्हें झोलाछाप डॉक्टर के पास भेजा। पहले फोन पर परिजनों ने डॉक्टर से पूछा कि मरीज को खून की कमी है, यहां के डॉक्टर ने बेतिया रेफर किया है। तब झोलाछाप डॉक्टर ने कहा कि हमारे क्लिनिक पर ले आईए सब ठीक हो जाएगा। मरीज को बेतिया ले जाने की जरूरत नहीं है। परिजनों ने विश्वास कर मरीज को उनके यहां ले गये लेकिन वहां जज्जा-बच्चा दोनों की मौत हो गयी। जिसके बाद परिजनों के बीच कोहराम मच गया। घटना के बाद डॉ. प्रवीण तिवारी चैंबर छोकर फरार हो गये। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है और पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।