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02-Jul-2025 10:14 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने राज्य के सभी कमिश्नर और डीएम को मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण, 2025 कार्यक्रम की शत-प्रतिशत सफलता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित यह कार्यक्रम राष्ट्रीय महत्व का है,जो सर्वप्रथम बिहार राज्य में क्रियान्वित किया जाना है। इसलिए इस काम में किसी भी स्तर पर संसाधनों की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी प्रमण्डलीय आयुक्त और सभी जिला पदाधिकारी को विशेष गहन पुनरीक्षण,2025 कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के संबंध में पत्र लिखा है। जिसमें बताया गया है कि उपर्युक्त विषयक प्रासंगिक पत्र (छायाप्रति संलग्न) का कृपया संदर्भ किया जाये, जिसके माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार राज्य के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण,2025 कार्यक्रम की घोषणा की गयी है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित यह कार्यक्रम राष्ट्रीय महत्व का है,जो सर्वप्रथम बिहार राज्य में क्रियान्वित किया जाना है।
सभी जिला पदाधिकारियों का यह दायित्व है कि विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम में उनके जिला से संबंधित जो भी पदाधिकारी/कर्मी संलग्न हैं, उनकी शत-प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित की जाये एवं किसी भी स्तर पर संसाधनों की कोई कमी नहीं रहे। उल्लेखनीय है कि वर्तमान गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम में निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के अतिरिक्त बी०एल०ओ० सुपरवाईजर एवं बी०एल०ओ० की प्रत्यक्ष भूमिका निर्धारित है। बी०एल०ओ० सुपरवाईजर एवं बी०एल०ओ० के रूप में शिक्षक, विकास मित्र, आंगनबाड़ी सेविका, कचहरी सचिव, पंचायत सचिव, टोला सेवक, आदि पदाभिहित है।
सभी पदधारकों के कार्यक्षमता का यथासंभव अधिकतम उपयोग किया जाय। साथ ही साथ जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा जिन कर्मियों को विशेष गहन पुनरीक्षण में महत्वपूर्ण दायित्व दिया गया है, के अन्तर्गत निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी, बी०एल०ओ० सुपरवाईजर, बी०एल०ओ० तथा निर्वाचक सूची के कार्यों से जुड़े अन्य कर्मी का स्थानांतरण नहीं किया जाय। साथ ही इनके विभागीय कार्यों के संपादन हेतु समुचित वैकल्पिक व्यवस्था कर ली जाय। अतः निदेश दिया जाता है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार राज्य के लिए घोषित विशेष गहन पुनरीक्षण, 2025 कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाय।
मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण क्या है?
पिछले कुछ दिनों से निर्वाचन आयोग ने बिहार में मतदाताओं का गहन पुनरीक्षण शुरू किया है। गहन पुनरीक्षण का काम एक महीने तक चलेगा। इसके जरिए बीएलओ घर-घर जाएंगे और मतदाताओं का सत्यापन करेंगे। जो भी फर्जी वोटर होंगे उनकी पहचान कर उनका नाम मतदाता सूची से बाहर किया जाएगा। इसके साथ ही नए मतदाताओं का नाम जोड़ा जाएगा। जब से गहन पुनरीक्षण का काम शुरू हुआ तब से इसे लेकर विपक्ष हमलावर है। तेजस्वी यादव ने निर्वाचन आयोग से इसे लेकर सवाल भी किया लेकिन अभी तक उसका जवाब नहीं मिल पाया है।
बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके तहत विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान तेज़ी से चल रहा है। अब तक एक करोड़ से अधिक मतदाताओं को गणना फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। 25 जून से 26 जुलाई तक चलने वाली इस प्रक्रिया में शामिल होकर मतदाता ऑनलाइन या ऑफलाइन फॉर्म भर सकते हैं।
बिहार में आगामी विधानसभा आम निर्वाचन 2025 की तैयारियों के मद्देनज़र भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 का कार्य राज्य भर में तीव्र गति से चल रहा है। यह प्रक्रिया 25 जून 2025 से प्रारंभ हुई है, जिसके अंतर्गत मतदान केंद्र पदाधिकारी द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्र (Enumeration Form) का वितरण किया जा रहा है। अब तक राज्य के विभिन्न जिलों में एक करोड़ से अधिक मतदाताओं को गणना फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। भारत निर्वाचन आयोग के नेतृत्व में बिहार देश का प्रथम ऐसा राज्य है जहां पर मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है।
इस प्रक्रिया के तहत मतदान केंद्र पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें घर-घर जाकर सत्यापन और गणना फॉर्म के वितरण-संकलन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मतदाताओं तक गणना प्रपत्र को सुलभता से उपलब्ध कराने हेतु तथा निर्वाचन मशीनरी को पूर्ण मनोयोग और मनोबल के साथ इस कार्य में समर्पित बनाए रखने के लिए राज्य के सभी जिलों में जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी स्वयं फील्ड भ्रमण कर रहे हैं। वे मतदान केंद्र पदाधिकारियों के साथ घर-घर जाकर गणना प्रपत्र का वितरण कर रहे हैं एवं उनके कार्यों का निरीक्षण कर अभियान की प्रगति की निगरानी कर रहे हैं।
विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में बिहार के सभी राजनीतिक दल सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं। अब तक 1.5 लाख से अधिक बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) की नियुक्ति की जा चुकी है, जो प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाता सूची के सत्यापन में लगे हुए हैं। सभी राजनीतिक दल लगातार और अधिक बीएलए नियुक्त कर रहे हैं ताकि मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित हो सके। भारत निर्वाचन आयोग ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सलाह दी है कि वे समय रहते प्रत्येक मतदान केंद्र पर अपने बीएलए नियुक्त करें ताकि बाद में मतदाता सूची में त्रुटियों की शिकायत करने की आवश्यकता ही न पड़े। आयोग का स्पष्ट मत है कि सही समय पर सहभागिता से ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता बनी रह सकती है।
वर्तमान 7,89,69,844 मतदाताओं में से लगभग 4.96 करोड़ मतदाताओं के नाम पहले से दिनांक 01.01.2003 की अंतिम गहन पुनरीक्षित मतदाता सूची में शामिल हैं। ऐसे मतदाताओं को केवल अपनी प्रविष्टियों की पुष्टि करनी है और गणना प्रपत्र भरकर जमा करना है। इसके अतिरिक्त, यदि किसी मतदाता के माता या पिता में से कोई एक व्यक्ति 01.01.2003 तक मतदाता सूची में शामिल रहा है, तो ऐसे व्यक्ति को इस विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 के दौरान नामांकन के लिए उनसे संबंधित किसी भी दस्तावेज को प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी, चाहे उस व्यक्ति की जन्मतिथि कुछ भी हो।
विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान की नियमित गतिविधियों को देखने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के फेसबुक, ट्विटर एवं इंस्टाग्राम हैंडल को फॉलो किया जा सकता है। इसके साथ ही भारत निर्वाचन आयोग के सोशल मीडिया हैंडल्स में भी सभी अपडेट जा रहे हैं। कार्य को गति देने हेतु सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे स्थानीय स्तर पर आंगनबाड़ी सेविकाओं, विकास मित्रों, जीविका दीदियों, एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र आदि के स्वयंसेवकों की सहायता लें। ये स्वयंसेवक न केवल मतदाताओं को फॉर्म भरने में सहायता करेंगे, बल्कि मतदान केंद्र पदाधिकारियों को वितरण व संग्रहण कार्य में भी सहयोग प्रदान करेंगे। इसके अतिरिक्त https://voters.eci.gov.in पोर्टल के माध्यम से भी मतदाता स्वयं गणना फॉर्म ऑनलाइन भर सकते हैं।
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री विनोद सिंह गुंजियाल ने प्रत्येक मतदाता से अपील की है कि वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाने में सक्रिय सहभागिता निभाएँ। उन्होंने सभी पात्र नागरिकों से आग्रह किया है कि वे समय रहते अपना गणना प्रपत्र भरें, ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन माध्यम से सत्यापन सुनिश्चित करें एवं इस ऐतिहासिक पुनरीक्षण प्रक्रिया का हिस्सा बनें। किसी भी प्रकार की जानकारी अथवा सहायता के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1950 पर संपर्क किया जा सकता है।