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03-Jun-2025 08:26 AM
By First Bihar
Bihar Teacher Transfer: बिहार के शिक्षा विभाग ने ऐच्छिक स्थानांतरण के लिए आवेदन करने वाले 1.90 लाख शिक्षकों को राहत दी है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि जो शिक्षक अपने तबादले से संतुष्ट नहीं हैं, वे ई-शिक्षा कोष पोर्टल के जरिए अपने आवेदन वापस ले सकते हैं। यह पोर्टल 3 जून 2025 से खुलेगा, और शिक्षक अपनी टीचर आईडी और पासवर्ड के साथ लॉग इन कर आवेदन रद्द कर सकते हैं।
आवेदन वापस लेने वाले शिक्षक अपनी मौजूदा स्कूल पोस्टिंग पर ही बने रहेंगे। स्थानांतरण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सभी काम ऑनलाइन होंगे। 1.30 लाख शिक्षकों को 20 जून 2025 से नए स्कूलों के लिए ट्रांसफर लेटर मिलना शुरू होगा। शिक्षक अपने नए स्कूल का विवरण ई-शिक्षा कोष पोर्टल या ऐप पर देख सकेंगे।
23 से 30 जून तक शिक्षकों को नए स्कूलों में जॉइन करना होगा। जिला शिक्षा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि सभी शिक्षक समय पर जॉइन करें। डॉ. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि शिक्षकों को डीईओ कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि आवेदन, सत्यापन और स्कूल आवंटन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
नई स्थानांतरण नीति में गंभीर बीमारी, दिव्यांगता, विधवा, तलाकशुदा और पति-पत्नी शिक्षक जोड़ों को प्राथमिकता दी जाएगी। केवल बीपीएससी से चयनित और सक्षमता परीक्षा पास करने वाले शिक्षक ही इस नीति के तहत पात्र हैं। शिक्षकों को 10 स्थानांतरण विकल्प चुनने की सुविधा है, जिसमें से तीन अनिवार्य हैं। महिला शिक्षकों के लिए 70% से अधिक पद आरक्षित हैं। हर पांच साल में स्थानांतरण अनिवार्य होगा, जिससे स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता संतुलित रहे।
यह नीति बिहार के शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक कदम है। यह शिक्षकों की व्यक्तिगत जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात को बेहतर बनाएगा। शिक्षक यूनियनों ने उपमंडल स्तर पर तबादले और मायके-ससुराल जिले की छूट हटाने पर कुछ आपत्तियां जताई हैं, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया से पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है।