ब्रेकिंग न्यूज़

जेब में फटा iPhone-13, गंभीर रूप से झुलसा युवक, Apple की सुरक्षा पर उठे सवाल मोतिहारी में युवक की चाकू मारकर हत्या, परिजनों में मचा कोहराम, SIT का गठन RCBvsRR: “जागो, विपक्षी टीम के गेंदबाजों को कूटो और सो जाओ”, इस सीजन कोहली के पांचवे अर्धशतक के बाद सामने आई फैंस की प्रतिक्रियाएं पहलगाम हमले का मामला पहुंचा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार उच्चायोग के पास, पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग BSF Jawan Captured: गलती से जीरो लाइन को पार कर गया BSF जवान, पाक रेंजर्स ने हिरासत में लिया चली समीयाना में आज तोहरे चलते गोली..बर्थडे पार्टी में कट्टा लहराकर युवक-युवतियों ने किया डांस, वीडियो हो गया वायरल भारत की कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने उठाए कदम, एयरस्पेस और वाघा बॉर्डर को किया बंद Pahalgam Terror Attack: ढाबे वाले की गलती ने बचा ली 11 लोगों की जान, पहलगाम हमले में बाल-बाल बचे पर्यटकों की आपबीती Bihar Politics: VIP ने सुपौल के छातापुर में चलाया सघन जनसंपर्क अभियान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल महागठबंधन की बैठक में CM फेस पर फिर चर्चा नहीं: तेजस्वी को जवाब नहीं सूझा, कहा-पिछली ही बैठक में सब तय हुआ था, होशियार लोग समझ रहे हैं

Bihar News: RCD में इंजीनियर-ठेकेदार गठजोड़...सरकार को करोड़ों का नुकसान ! तत्कालीन चीफ इंजीनियर के खेल का खुलासा, Award के खिलाफ कोर्ट में अपील करने में नहीं ली दिलचस्पी

Bihar News:पथ निर्माण विभाग में बड़ा खेल सामने आया है. सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता शमीम अहमद पर गंभीर आरोप लगे हैं. अवार्ड के खिलाफ अदालत नहीं जाने पर चीफ इंजीनियर फंस गए हैं.

पथ निर्माण विभाग, बिहार न्यूज,  Bihar PWD Scam  पथ निर्माण विभाग घोटाला  गया डिवीजन इंजीनियर भ्रष्टाचार  सीतामढ़ी इंजीनियर घोटाला  Shamin Ahmad Bihar PWD  Extra Carriage Payment Scam Bihar  Bihar Gove

08-Apr-2025 01:46 PM

By First Bihar

Bihar News: पथ निर्माण विभाग में तरह-तरह के खेल किये जाते हैं. ठेकेदारों को फायदा पहुंचा कर इंजीनियर अपनी झोली भरते हैं. इस काम के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. गया डिवीजन में इंजीनियरों के बड़े खेल का खुलासा हो चुका है. इंजीनियरों ने ठेकेदार से मिलीभगत कर एक्स्ट्रा कैरेज के नाम पर 26 करोड़ की अवैध निकासी कराई है. इस मामले की जांच जारी है. सीतामढ़ी डिवीजन में भी पथ निर्माण विभाग के बड़े इंजीनियरों की मिलीभगत से खेल किया गया है. बताया जाता है कि मुख्य अभियंता की लापरवाही/ मिलीभगत की वजह से सरकार को करोड़ों का भुगतान करना पड़ सकता है. इस मामले में पथ निर्माण विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता(उत्तर) के खिलाफ प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए गए हैं. विभाग ने आरोपी इंजीनियर जो सेवानिवृत हो गए हैं, उनसे स्पष्टीकरण मांगा. अब विभागीय स्तर पर समीक्षा की जा रही है. कार्रवाई चाहे जो हो, लेकिन जिस तरह का खेल हुआ है, उसका सीधा  नुकसान विभाग को हो रहा है. 

जानें पूरा मामला.....

पथ निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव पूनम कुमारी ने 27 नवंबर 2024 को तत्कालीन प्रभारी मुख्य  अभियंता (उत्तर) शमीम अहमद से स्पष्टीकरण मांगा. तत्कालीन मुख्य अभियंता शमीम अहमद 2023 में ही सेवानिवृत हो गए हैं. इन पर आरोप है की CWJC केस नं.- 12224/2017 में आरपी इंफ्रा प्रोजेक्ट बनाम बिहार सरकार से संबंधित Arbitration Case no-33/2018 में आर्बिट्रेटर के द्वारा 16 फरवरी 2023 को award पारित किया गया था. जिसके खिलाफ सक्षम न्यायालय में अपील दायर नहीं किया जा सका. इन्हीं आरोपों में तत्कालीन मुख्य अभियंता (उत्तर) शमीम अहमद से स्पष्टीकरण की मांग की गई .

आरोपी तत्कालीन मुख्य अभियंता शमीम अहमद से पूछा गया कि CWJC केस नं 12224- 2017 आरपी इंफ्रा प्रोजेक्ट बनाम बिहार सरकार से संबंधित आर्बिट्रेशन केस नंबर 33/ 2018 में आर्बिट्रेटर ने 16 फरवरी 2023 को जो अवार्ड पारित किया था, उसके खिलाफ सक्षम न्यायालय में अपील दायर नहीं की गई. इस मामले में आपके द्वारा गंभीर अनियमितता, त्रुटि बरती गई है. इन आरोपों में आपके खिलाफ आरोप पत्र गठित किया गया है. ऐसे में 15 दिनों के अंदर आप गठित आरोपी के संबंध में जवाब दें कि क्यों नहीं आपके खिलाफ पेंशन नियमावली के तहत कार्रवाई की जाए ? 

ठेकेदार पर फायदा पहुंचाने का आरोप

शमीम अहमद पर आरपी इंफ्रा प्रोजेक्ट को फायदा पहुंचाने के आरोप हैं. इन पर जो आरोप पत्र गठित किए गए हैं, उसमें इन पर आरोप है कि award की प्राप्ति की तिथि से 3 माह के अंदर अपील दायर किए जाने का प्रावधान है, लेकिन अपील दायर नहीं किया गया. कार्यपालक अभियंता सीतामढ़ी ने 3 मार्च 2023 को अवार्ड की प्रति एवं भुगतान के संबंध में अधीक्षण अभियंता उत्तर बिहार पथ अंचल से दिशा निर्देश की मांग की थी. जिस पर आवश्यक कार्रवाई के लिए शमीम अहमद को समर्पित किया गया था. लेकिन इनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई.शमीम अहमद जो नियंत्रित पदाधिकारी थे उनसे अपेक्षा थी कि वह आर्बिट्रेटर द्वारा घोषित अवार्ड के खिलाफ निर्धारित समय सीमा के अंदर अपील दायर करने की दिशा में त्वरित कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट मुख्यालय को भेज देते. लेकिन इन्होंने अपनी ड्यूटी का निर्वहन नहीं किया. 

महाधिवक्ता ने भी दी थी रिपोर्ट

इस प्रकार विभाग द्वारा घोषित अवार्ड के खिलाफ अपील दायर नहीं हो पाने के आलोक में महाधिवक्ता से भी विधिक परामर्श ली गई . महाधिवक्ता ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि संवेदक को अनुचित लाभ पहुंचाने के इस प्रकरण में शमीम अहमद के स्तर से पर्यवेक्षकीय, कर्तव्यों के निर्वहन में कोताही बरती गई है. जिस कारण आर्बिट्रेटर के द्वारा संवेदक के पक्ष में दिए गए अवार्ड के खिलाफ सक्षम न्यायालय में ससमय अपील दायर नहीं किया जा सका, जिसके लिए अहमद दोषी हैं.