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Bihar News: बिहार में बिजली खपत ने तोड़ा रिकॉर्ड, 20 सालों में 12 गुना बढ़ी मांग

Bihar News: बिहार इन दिनों भीषण गर्मी की मार झेल रहा है और इसके चलते राज्य में बिजली की खपत ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई है। शनिवार की रात 9:07 बजे राज्य में 8560 मेगावाट बिजली की खपत दर्ज की गई, जो अब तक का रिकॉर्ड उच्चतम स्तर है।

Bihar News

13-Jul-2025 09:21 AM

By First Bihar

Bihar News: बिहार इन दिनों भीषण गर्मी की मार झेल रहा है और इसके चलते राज्य में बिजली की खपत ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई है। शनिवार की रात 9:07 बजे राज्य में 8560 मेगावाट बिजली की खपत दर्ज की गई, जो अब तक का रिकॉर्ड उच्चतम स्तर है। इसमें दक्षिण बिहार में 4393 मेगावाट और उत्तर बिहार में 4167 मेगावाट की खपत हुई।


इससे पहले 12 जून 2025 को 8428 मेगावाट बिजली की खपत हुई थी, जो अब पीछे छूट चुकी है। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गर्मी में अत्यधिक एसी, कूलर और पंखों के इस्तेमाल के कारण बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। इस साल राज्य में 9000 मेगावाट तक खपत पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।


वर्ष 2005 में बिहार में केवल 700 मेगावाट बिजली की खपत होती थी। यह आंकड़ा 2012 में 1751 मेगावाट, 2014 में 2831 मेगावाट और अब 2025 में 8560 मेगावाट तक पहुंच चुका है। यानी 20 वर्षों में बिजली की मांग में लगभग 12 गुना की वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। 2005 में जहां उपभोक्ताओं की संख्या लाखों में थी, वहीं अब यह आंकड़ा 2.15 करोड़ से अधिक हो चुका है। यही कारण है कि बिहार में ऊर्जा उत्पादन और आपूर्ति क्षमता को निरंतर बढ़ाया जा रहा है।


राज्य में प्रति व्यक्ति बिजली खपत भी तेजी से बढ़ी है। वर्ष 2005 में एक व्यक्ति की औसत खपत जहां 75 किलोवाट थी, वहीं 2025 में यह आंकड़ा 363 किलोवाट तक पहुंच चुका है। यह 5 गुना से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है, जो राज्य के विकास और बिजली की उपलब्धता दोनों की ओर इशारा करता है।


बिजली वितरण कंपनियों का कहना है कि गर्मी के मौसम में लोड मैनेजमेंट और ग्रिड संतुलन को बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि, विभाग ने पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं कर रखी हैं। ग्रिड स्तर पर निगरानी बढ़ा दी गई है, ताकि किसी क्षेत्र में ट्रिपिंग या ओवरलोडिंग जैसी समस्या न हो।


बिहार में बिजली की मांग में यह जबरदस्त वृद्धि राज्य के बुनियादी ढांचे, शहरीकरण, और जीवन स्तर में हो रहे सुधारों को भी दर्शाती है। लेकिन इसके साथ ही यह सरकार और बिजली कंपनियों के सामने नई जिम्मेदारियां और दबाव भी खड़ा करती है जैसे कि सतत आपूर्ति, अक्षय ऊर्जा की ओर झुकाव और स्मार्ट ग्रिड तकनीकों का समावेश।