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14-Apr-2025 09:56 AM
By First Bihar
Bihar News: आज 14 अप्रैल को बिहार में सतुआन पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व रबी फसल की खुशी में और सूर्य के मीन से मकर राशि में आने पर मनाया जाता है। लोग सुबह-सुबह पवित्र नदियों और तालाबों में स्नान करते हैं। गंगा स्नान को खास माना जाता है। घरों में कुलदेवता को जौ का सत्तू, गुड़ और कच्चा आम चढ़ाया जाता है। चने का सत्तू, आम की चटनी और जौ के सत्तू से बने घेवर खाने का रिवाज है। यह पर्व गर्मी की शुरुआत और खुशहाली का प्रतीक है।
खरमास आज खत्म हो रहा है, और इसके साथ ही मांगलिक कार्यों का सिलसिला शुरू होगा। पंडित विवेकानंद पांडेय और पंडित विश्वनाथ तिवारी बताते हैं कि 14 अप्रैल से शादी-विवाह जैसे शुभ काम फिर से शुरू होंगे। इस साल वैशाख और जेठ में कुल 33 शुभ लग्न हैं। अप्रैल में 13, मई में 12 और जून में 8 विवाह मुहूर्त हैं। लेकिन आषाढ़ में एक भी शादी का मुहूर्त नहीं है। 11 जून से गुरु पश्चिम दिशा में अस्त हो जाएंगे, जिसके बाद मांगलिक कार्य रुक जाएंगे। 6 जुलाई को भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे, और चार महीने तक शुभ कार्यों पर रोक रहेगी।
शादी का सीजन शुरू होते ही बाजारों में रौनक बढ़ जाती है। लेकिन इस दौरान नए नोटों की मांग भी आसमान छूने लगती है। खासकर 10 और 20 रुपये के नोट सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं। उदवंतनगर के भोला सिंह बताते हैं कि शादी-विवाह में लोग नए नोट देना चाहते हैं, लेकिन बैंकों में ये आसानी से मिलते नहीं। कई बार कालाबाजारी में ऊंची कीमत पर ये नोट मिलते हैं, जिसका फायदा बिचौलियों को होता है। लोग पुराने नोटों से भी परेशान हैं।
पंडितों के मुताबिक, शादी के लिए शुभ मुहूर्त चुनते समय मृत्यु वाण और भद्रा जैसे अशुभ समय से बचना जरूरी है। 8 जून के बाद गुरु वृद्धावस्था में होंगे और 11 जून से अस्त हो जाएंगे। 7 जुलाई को वे पूर्व दिशा में उदय होंगे। 1 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के बाद फिर से मांगलिक कार्य शुरू होंगे।