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12-Sep-2025 11:22 AM
By First Bihar
BIHAR ELECTION : बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने वाला है। चुनावी रणभेरी बजने से पहले सभी दल मैदान सजाने में जुटे हैं। संभावित प्रत्याशी टिकट कंफर्म कराने को लेकर नेताओं के दरवाजे पर दौड़ लगा रहे। टिकट के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। ऐसे में अब मुंगेर के तारापुर से एक रोचक जानकारी निकल कर सामने आ रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासी हलचलें भी तेज होती जा रही हैं। मुंगेर जिले की तारापुर विधानसभा सीट पर इस बार जदयू के भीतर ही गहरा असंतोष देखने को मिल रहा है। वर्तमान विधायक राजीव कुमार सिंह के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं का गुस्सा इस कदर बढ़ चुका है कि अब वे खुले मंच पर उनके टिकट काटने की मांग कर रहे हैं।
दरअसल, तारापुर विधानसभा क्षेत्र के जदयू कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया जाना था। इसी कड़ी में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर मुंगेर के सर्किट हाउस पहुंचे थे। जैसे ही यह खबर तारापुर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को मिली, वहां से पांच पंचायतों के सैकड़ों कार्यकर्ता सीधे मुंगेर स्थित किला परिसर के सर्किट हाउस पहुंच गए। यहां पहुंचकर कार्यकर्ताओं ने मंत्री के सामने अपने ही विधायक राजीव कुमार सिंह की तीखी आलोचना की। यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में भी कैद हुआ है और इसका वीडियो फुटेज अब सामने आ चुका है।
जदयू कार्यकर्ताओं ने मंत्री रामनाथ ठाकुर से साफ कहा कि वर्तमान विधायक राजीव कुमार सिंह पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं करते। उनके रवैये से स्थानीय स्तर पर संगठन कमजोर हो गया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि विधायक की उपेक्षा से पार्टी का जमीनी नेटवर्क टूट रहा है और इसका सीधा नुकसान आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर इस बार भी राजीव कुमार सिंह को टिकट दिया गया, तो जदयू तारापुर की "विनिंग सीट" को खो देगी। कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि स्थानीय जनता भी विधायक से नाराज है, इसलिए अगर पार्टी ने समय रहते फैसला नहीं लिया तो सीट पर हार तय है।
मंत्री के सामने सभी कार्यकर्ताओं ने एक सुर में गुहार लगाई कि पार्टी इस बार तारापुर से किसी नए चेहरे को उम्मीदवार बनाए। उनका कहना था कि जदयू का आधार वोट बैंक मजबूत है, लेकिन विधायक के व्यवहार ने इसे कमजोर कर दिया है। अगर सही प्रत्याशी दिया गया तो सीट आसानी से जीती जा सकती है। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे चाहते हैं कि जदयू को सत्ता में बनाए रखने के लिए टिकट बदलना जरूरी है। “हम लोग इस सीट को किसी भी हाल में खोना नहीं चाहते, लेकिन अगर राजीव कुमार सिंह फिर से प्रत्याशी बने तो हार निश्चित है,” – एक कार्यकर्ता ने मंत्री से कहा।
तारापुर विधानसभा सीट जदयू के लिए लंबे समय से मजबूत गढ़ मानी जाती रही है। राजीव कुमार सिंह ने इस सीट से चुनाव जीतकर अपनी पहचान बनाई थी। लेकिन अब उन्हीं के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं का मोर्चा खुलना आने वाले चुनावी समीकरण को बदल सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कार्यकर्ताओं का यह खुला विरोध पार्टी नेतृत्व के लिए चिंता की बड़ी वजह है। विधानसभा चुनाव के ठीक पहले संगठन के भीतर इस तरह की नाराजगी जदयू की चुनावी रणनीति को कमजोर कर सकती है।
सर्किट हाउस में मौजूद केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने धैर्यपूर्वक कार्यकर्ताओं की शिकायतें सुनीं। हालांकि उन्होंने वहां कोई सीधा आश्वासन नहीं दिया, लेकिन उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे कार्यकर्ताओं की बात पार्टी नेतृत्व तक पहुंचाएंगे। मंत्री ने कार्यकर्ताओं को यह भी समझाया कि जदयू एक अनुशासित पार्टी है और अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा पार्टी हाईकमान ही लेंगे। बावजूद इसके, कार्यकर्ताओं का आक्रोश यह दर्शाता है कि संगठनात्मक स्तर पर तारापुर विधानसभा में गंभीर दरारें आ चुकी हैं।
अब देखना होगा कि जदयू नेतृत्व इस मामले में क्या रुख अपनाता है। अगर पार्टी ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी को गंभीरता से लेते हुए टिकट में बदलाव किया तो तारापुर विधानसभा का चुनावी माहौल पूरी तरह बदल जाएगा। वहीं, अगर राजीव कुमार सिंह को ही दोबारा मौका मिला तो संभव है कि असंतुष्ट कार्यकर्ता अंदरखाने विरोध करें, जिससे विपक्षी दलों को इसका सीधा फायदा मिले। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि तारापुर सीट पर इस बार का चुनाव जदयू के लिए आसान नहीं रहने वाला। एक तरफ संगठन के भीतर असंतोष है, तो दूसरी तरफ विपक्ष भी लगातार सक्रिय है। ऐसे में यह सीट चुनावी समर में खास महत्व रखने वाली साबित हो सकती है।