Bihar News: बिहार में सदर अस्पताल के ओपीडी में हंगामा, दवा नहीं मिलने पर मरीज के परिजनों ने की तोड़फोड़ Bihar Crime News: बिहार में पुलिस का बड़ा एक्शन, 40 अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी, लिस्ट में कई सियासी रसूख वाले Bihar Crime News: बिहार में पुलिस का बड़ा एक्शन, 40 अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी, लिस्ट में कई सियासी रसूख वाले Bihar Crime News: बिहार में पुलिस टीम पर हमला मामले में एक्शन, करीब 100 आरोपियों में से 12 अरेस्ट Bihar Politics: मंगनी लाल मंडल होंगे RJD के अगले प्रदेश अध्यक्ष, सिर्फ औपचारिक एलान बाकी Bihar Politics: मंगनी लाल मंडल होंगे RJD के अगले प्रदेश अध्यक्ष, सिर्फ औपचारिक एलान बाकी Bihar Crime News: बिहार में चाचा ने भतीजी से की हैवानियत, कमरे में सो रही बच्ची के साथ जबरन किया गंदा काम Bihar News: बिहार के इस जिलों में घंटों चला हाई वोल्टेज ड्रामा, भाभी से झगड़े के बाद बिजली के खंभे पर चढ़ी ननद Bihar News: बिहार के इस जिलों में घंटों चला हाई वोल्टेज ड्रामा, भाभी से झगड़े के बाद बिजली के खंभे पर चढ़ी ननद Ahmedabad Plane Crash: Air India की सभी बोइंग विमानों की होगी जांच, अहमदाबाद हादसे को लेकर DGCA का बड़ा फैसला
28-May-2025 10:16 AM
By First Bihar
Bihar DGP orders: बिहार पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने केस में नामजद आरोपियों के नाम जोड़ने और हटाने के मामलों में तेजी से कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
राज्यभर से मिल रही लगातार शिकायतों के बाद डीजीपी ने सभी जिलों के पर्यवेक्षी पदाधिकारियों को सख्त आदेश दिया है कि वे प्रत्येक प्राथमिकी या अप्राथमिकी मामले में 15 दिनों के भीतर अभियुक्त तय करें। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि जांच की आड़ में किसी निर्दोष व्यक्ति को अनावश्यक रूप से घसीटना या डराकर पैसे वसूलने की घटनाओं को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि कोई अधिकारी 15 दिन के भीतर अभियुक्त तय नहीं करता, तो उसकी जवाबदेही तय की जाएगी और विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है।
रेंज आईजी और डीआईजी को भी मिली निगरानी की जिम्मेदारी
डीजीपी ने रेंज स्तर के आईजी और डीआईजी को भी निर्देश दिया है कि वे अपने अधीनस्थ जिलों में लंबित मामलों की कड़ी निगरानी करें। विशेष रूप से उन मामलों पर नजर रखी जाए जहाँ अभियुक्तों की पहचान अब तक नहीं की गई है या जानबूझकर निर्णय में देरी की जा रही है।
नाम जोड़ने और हटाने के खेल पर लगेगी रोक
खुफिया रिपोर्टों और शिकायतों के अनुसार, कुछ डीएसपी और इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी जांच की प्रक्रिया का सहारा लेकर आरोपियों के नाम एफआईआर में जोड़ते हैं और फिर महीनों तक निर्णय नहीं लेते। इस दौरान आरोपियों को थाने और दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं। ऐसी स्थिति में भयादोहन और धन उगाही की घटनाएं भी सामने आई हैं। डीजीपी विनय कुमार ने साफ कहा कि इस तरह के मामलों पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। किसी अधिकारी द्वारा जानबूझकर निर्दोष को फंसाने, या नाम हटाने के एवज में वसूली करने की शिकायत मिलने पर सीधी जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई होगी।
न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
डीजीपी का यह निर्णय बिहार में पुलिस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी व्यक्ति बिना उचित कारण के लंबे समय तक केस में उलझा न रहे, और वास्तविक दोषियों को ही अभियुक्त बनाया जाए।