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14-May-2025 04:42 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सुगातों की बरसात हो रही है, जिसमें सरकार द्वारा परिवहन से लेकर कई सुविधाओं को जनता तक बेहतर ढंग से पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। अब बिहार के राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने मंगलवार को जानकारी दी कि राज्य के 15 जिलों में 144 प्रखंडों में सहकारी बैंक शाखाएं खोली जाएंगी। इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से अनुमति मांगी गई है। जैसे ही अनुमति प्राप्त होगी, संबंधित प्रखंडों में बैंक शाखाओं की स्थापना की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है।
राज्य भर में सहकारी बैंकों द्वारा 6 मई से शुरू किए गए विशेष बैंकिंग सेवा अभियान को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। यह अभियान 30 मई तक चलेगा, जिसमें हर पंचायत तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाना लक्ष्य है। इस अभियान के अंतर्गत न केवल बैंकिंग सेवा दी जा रही है, बल्कि लोगों को वित्तीय जागरूकता भी प्रदान की जा रही है। अब तक 1123 स्थलों पर सहकारिता जागरूकता, वित्तीय समावेशन और बैंकिंग सेवाओं से संबंधित शिविर लगाए जा चुके हैं।
मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि इस अभियान के तहत ऋण वितरण कार्यक्रम से विशेष रूप से महिलाओं को रोजगार मिलेगा। महिलाओं को स्वरोजगार योजनाओं से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अक्सर बैंकिंग सेवाओं से वंचित रह जाती हैं, लेकिन अब उन्हें सीधे तौर पर आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है।"
गांवों में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के लिए विशेष कैंप का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें लोगों को बचत, मितव्ययता, निवेश, जमा योजना और डिजिटल ट्रांजैक्शन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस पहल से ग्रामीण आबादी को आधुनिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने में मदद मिल रही है।
राज्य सरकार रूरल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिसमें 14 माइक्रो एटीएम का वितरण किया गया। 1723 नए बैंक खाते खोले गए। अब तक 14 लाख 10 हजार 765 रुपये की जमा राशि एकत्रित की गई। इसके अलावा 60 लाख 50 हजार रुपये की ऋण वसूली की गई। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 1 करोड़ 42 लाख 10 हजार रुपये का वितरण कार्ड धारकों को किया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधा की पहुंच
अब दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों के लोगों को बैंक जाने के लिए शहर नहीं जाना पड़ेगा।हर पंचायत स्तर तक बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध होंगी।
वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion)
गरीब, मजदूर, किसान और महिलाएं अब बैंकिंग प्रणाली से जुड़ सकेंगी। सेविंग अकाउंट, लोन, बीमा और अन्य योजनाओं का लाभ आसानी से मिलेगा।
महिलाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता
ऋण वितरण कार्यक्रमों से महिलाओं को छोटे उद्योग और स्वरोजगार में मदद मिलेगी। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
कृषि और किसान हित में सुधार
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से किसानों को सस्ते और त्वरित ऋण मिलेंगे। खेती-बाड़ी के लिए पूंजी की कमी नहीं रहेगी।
रूरल इकोनॉमी में तेजी
अधिक बैंक शाखाएं = अधिक वित्तीय गतिविधियाँ = ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती।
छोटे कारोबारियों को भी ऋण और बैंकिंग सुविधा मिलेगी।
डिजिटल और आधुनिक बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध होंगी
माइक्रो एटीएम, मोबाइल बैंकिंग, डिजिटल भुगतान जैसी सेवाएं गांवों तक पहुंचेंगी। साथ ही कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा।
वित्तीय साक्षरता में सुधार
अभियान के तहत लोगों को बैंकिंग, बचत, लोन और डिजिटल भुगतान के बारे में जागरूक किया जाएगा। ग्रामीणों को आर्थिक रूप से समझदार बनाने की दिशा में बड़ा कदम।