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14-Apr-2025 06:56 PM
By First Bihar
MUNGER: एक ओर जहां पीएम आवास योजना का लाभ लोगों को दिया जा रहा है। इसके लिए कच्चे मकान में रहने वाले लोगों का सर्वे कराया जा रहा है। वही दूसरी ओर मुंगेर में महादलित टोले में रहने वाले 300 से अधिक परिवार अपनी जान जोखिम में डालकर जर्जर भवन में रहने को विवश हैं। इस पुअर हाउस की स्थिति ऐसी है कि यह कभी भी गिर सकता है। जिससे बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।
मुंगेर में विकास के तमाम दावों के बीच एक ऐसा सच सामने आया है जो सिस्टम की संवेदनहीनता और लापरवाही की पोल खोलता है। नगर निगम द्वारा वर्षों पहले महादलित परिवारों के लिए बनाया गया पुअर हाउस आज खुद एक मौत का घर बन चुका है। जर्जर छतों और टूटती दीवारों के नीचे 300 से अधिक गरीब परिवार जान जोखिम में डालकर हर दिन ज़िंदगी जीने को मजबूर हैं। एक हादसे में एक युवक की मौत और कई लोगों के घायल होने के बावजूद अब तक प्रशासन ने इस खतरनाक भवन की मरम्मत या पुनर्निर्माण की कोई ठोस पहल नहीं की है। ये कहानी सिर्फ एक जर्जर इमारत की नहीं, बल्कि उस भरोसे की भी है जो अब प्रशासन से टूट चुका है।
बता दें कि वर्षों पहले मुंगेर नगर निगम ने पुअर हाउस बनाया था। इसकी वर्तमान स्थिति ऐसी है कि यह कभी भी ताश के पत्तों की तरह बिखर सकता है। वार्ड नंबर 03 के दो नंबर गुमटी स्थित यह भवन आज पूरी तरह जर्जर हो चुका है। इस खस्ताहाल छत के नीचे रह रहे 300 से अधिक महादलित परिवार अपनी जान जोखिम में डालकर जीवन यापन करने को विवश हैं। उनके सामने और कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
पुअर हाउस में रहने वाले महादलित परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय है। इनमें कोई कचरा चुनकर गुजर बसर करते हैं तो कोई रिक्शा और हवा हवाई (टोटो) चलाकर अपने परिवार का गुज़ारा करते हैं। कई साल पहले नगर निगम ने इन परिवारों के लिए पुअर हाउस बनवाया था। जिसमें बोरिंग और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध करायी गयी थी। लेकिन आज यह भवन खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है। छत से अक्सर मलबा गिरते रहता है।
छत और दीवार सहित पूरे मकान की स्थिति इस तरह जर्जर हो चुकी है कि यहां आए दिन छठ का प्लास्टर टूट कर नीचे गिरता रहता है। एक साल पहले मलबे की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गयी थी। जबकि कई लोग घायल हो चुके हैं। दुख की बात है कि इतनी गंभीर घटनाओं के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर अब तक इस भवन की मरम्मत या पुनर्निर्माण की कोई ठोस पहल नहीं की गई है। स्थानीय लोगों ने कई बार नगर निगम को आवेदन दिए, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। अब लोगों का प्रशासन पर से भरोसा उठता जा रहा है।
एक ओर जहां बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जयंती पर महादलित बस्तियों में विकास शिविर लगाकर योजनाओं का लाभ पहुँचाने की बातें हो रही है, लेकिन इसकी ज़मीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है। मुंगेर के पुअर हाउस को देखेंगे तो खुद समझ जाएंगे। यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। पूरा पुअर हाउस जर्जर स्थिति में है। दीवार से लेकर छत तक दरार ही दरार नजर आ रहा है। जब लोग सोये रहते हैं तब छत का प्लास्टर उनके ऊपर गिर जाता है।
इससे पहले तो मौत भी हो चुकी है और कई लोग घायल भी हो चुके हैं। ये लोग काफी कष्ट में यहां गुजर बसर करते हैं। यहां रहने वाले महादलितों का कहना है कि कोई देखने नहीं आता है। यहां की हालत देखेंगे तब ना पता चलेगा कि हम किस हालत में यहां रह रहे हैं। महादलितों ने बताया कि जब इलेक्शन आएगा तभी नेता भी वोट मांगने चले आते हैं। लेकिन उनकी समस्या का हल नहीं निकालते।
मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम ने दो नंबर गुमटी और अरगड़ा रोड स्थित पुअर हाउस के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव नगर विकास एवं आवास विभाग को भेजा गया है लेकिन अभी स्वीकृति प्रदान नहीं की गयी है। विभाग की स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू किए जाने की बात पदाधिकारी कह रहे हैं।
इम्तियाज खान की रिपोर्ट..