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16-Feb-2025 09:13 AM
By First Bihar
बिहार के स्वास्थ्य विभाग में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर पिछले चार साल से 12 जीएनएम (ग्रेजुएट नर्स मिडवाइफ) काम कर रही थीं. ये सभी गोपालगंज के सदर अस्पताल में ए ग्रेड नर्स के पद पर तैनात थीं. हालांकि, इनमें से एक कर्मी की सेवा अवधि के दौरान ही मौत हो चुकी है. इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब स्वास्थ्य विभाग पटना को इस संदिग्ध नियुक्ति की शिकायत मिली. जांच में पता चला कि जिस नियुक्ति पत्र के आधार पर इन सभी नर्सों की बहाली हुई थी, वह पूरी तरह से फर्जी था.
आरोप है कि 15 मार्च 2021 को स्वास्थ्य विभाग पटना के फर्जी पत्रांक 313(6) के आधार पर इन 12 स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति कर दी गई. मजे की बात यह है कि तीन साल तक यह मामला किसी के संज्ञान में नहीं आया और इनकी सेवा की पुष्टि भी हो गई. लेकिन जब इस संदिग्ध नियुक्ति की शिकायत निदेशक, प्रधान स्वास्थ्य सेवाएं तक पहुंची तो उन्होंने तत्काल जांच के आदेश दिए. जांच में पता चला कि जिस पत्र के आधार पर इन 12 नर्सों ने नौकरी पाई थी, वह पूरी तरह से फर्जी है।
मामला प्रकाश में आते ही गोपालगंज सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. संजीव कुमार ने स्थानीय थाने में 11 स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। वहीं, सिविल सर्जन डॉ. बीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि सभी 11 आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और मामले की आगे की जांच जारी है।
स्वास्थ्य विभाग ने फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए गोपालगंज सदर अस्पताल में नौकरी पाने वाले 12 कर्मियों की सूची जारी कर दी है। इसमे राकेश कुमार (जहानाबाद), रणधीर कुमार, अर्जुन कुमार चौधरी (अनीसाबाद,पटना), दिग्विजय कुमार मांझी (रघुनाथपुर, सीवान), सुनील कुमार चौधरी (दानापुर,पटना), मिंटू कुमार चौधरी (खुदागंज,नालंदा), प्रियंका कुमारी (दनियावां,पटना), शोभा कुमारी (पीरी बाजार, लखीसराय), नीलम कुमारी (मेदनी चौकी), रजनीश कुमार (वेना,नालंदा), संजीव कुमार (मेदनी चौक, लखीसराय) और किरण कुमारी, जिनकी सेवा के दौरान मृत्यु हो गई शामिल हैं।