ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR CRIME : बिहार में बेख़ौफ़ हुए अपराधी ! JDU नेता के घर फायरिंग, बाइक पर भागते दिखे आरोपी Bihar Rain Alert: बिहार में बदला मौसम का मिजाज, 20 जिलों में भारी बारिश ठनका और ओला का अलर्ट जारी; IMD ने दी यह सलाह Bihar Crime News: बिहार में वार्ड पार्षद पति की गुंडई, मामूली बात पर युवक को घर बुलाकर बेरहमी से पीटा Patna News: पटना में तेज रफ्तार इनोवा कार ने कई लोगों को रौंदा, हादसे के बाद मौके पर मची चीख-पुकार Patna News: पटना में तेज रफ्तार इनोवा कार ने कई लोगों को रौंदा, हादसे के बाद मौके पर मची चीख-पुकार Bihar Crime News: अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के नेता के घर कई राउंड फायरिंग, गोलीबारी से दहला इलाका Pahalgam Terror Attack: भारत के एक्शन से पहले पाकिस्तानी सेना में हड़कंप, 250 से ज्यादा अधिकारी, 1200 से ज्यादा जवानों का इस्तीफा Two Ministers Resign: विधानसभा चुनाव से पहले एम के स्टालिन को बड़ा झटका, दो बड़े मंत्रियों ने कैबिनेट से दिया इस्तीफा Two Ministers Resign: विधानसभा चुनाव से पहले एम के स्टालिन को बड़ा झटका, दो बड़े मंत्रियों ने कैबिनेट से दिया इस्तीफा Bihar News: चिकित्सक की लापरवाही ने ली महिला की जान, घटना के बाद परिजनों का जमकर हंगामा

विदेशों तक गया के खास्ता तिलकुट की मांग, मकर संक्रांति को लेकर तिलकुट की दुकान पर उमड़ी भारी भीड़, महंगाई के बावजूद लोग जमकर कर रहे खरीददारी

14 जनवरी को मकर संक्रांति है। जिसकी तैयारी लोगों ने शुरू कर दी है। मकर संक्रांति को लेकर इस महंगाई में भी लोग जमकर तिलकुट की खरीदारी कर रहे हैं। वही गया का प्रसिद्ध तिलकुट विदेशों में भी भेजा गया है।

makar sankranti

13-Jan-2025 04:29 PM

By First Bihar

gaya makar sankranti tilkut:  मकर संक्रांति को लेकर गया का तिलकुट व्यवसाय इन दिनों अपने पूरे परवान पर है। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पूरे देश में मनायी जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन तिल खाने और दान करने का विधान है। इसे लेकर तिलकुट की मुख्य मंडी गया के रमना रोड और टिकारी रोड की दुकानें सजी हुयी है। जहां लोग तिलकुट की खरीददारी कर रहे है।


वैसे तो गयाजी प्राचीनतम धार्मिक नगरी है। यह शहर मोक्षाधाम के रूप में प्रख्यात है। लेकिन गया की पहचान तिलकुट के अनूठे स्वाद के लिए भी जानी जाती है। यहां के नरम और खास्ता तिलकुट की मांग देश-विदेश तक है। ठंड के मौसम में तिलकुट की मांग काफी  बढ़ जाती है। तिलकुट की तासिर गर्म होती है। यह आर्येवेदिक दवा का भी काम करता है। तिलकुट खाने से कब्जीयत जैसी बीमारी नहीं होती है साथ ही यह पाचन क्रिया को भी बढ़ाता है। तिलकुट निर्माण के लिए गया की जलवायु भी काफी अच्छी मानी जाती है। यहां का मौसम और पानी इसके निर्माण में काफी उपयोगी सिद्ध होता है। 


गया में तिलकुट की शुरूआत डेढ़ सौ साल पहले गोपी साव नामक हलवाई ने रमना रोड से की थी। उसके बाद उनके वशंज आज तक इस पारंपकि तिलकुट व्यवसाय को करते आ रहे है। हालांकि अब रमना और टिकारी रोड में कई दुकानें खुल चुकी है। जहां काफी मात्रा में तिलकुट बनायी जाती है। वैसे तो पूरे देश में कई जगहों पर तिलकुट का व्यवसाय होता है। लेकिन गया में निर्मित तिलकुट और उसके स्वाद का मुकाबला कहीं नहीं है। यहां के तिलकुट के स्वाद का जोड़ कहीं नहीं है। यही वजह है कि गया में निर्मित तिलकुट झारखंड, उतरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र सहित पाकिस्तान, बांगलादेश जैसे देशों में भेजी जाती है। गया आने-जाने वाले लोग यहां के तिलकुट का स्वाद जरूर लेते है और अपने दूर दराज के रिश्तेदारों के लिए भी झोले में भरकर तिलकुट को ले जाते है। 


तिलकुट व्यवसाय से जुड़े लोग बताते है कि तिल और चीनी से तिलकुट का निर्माण किया जाता है। इसके लिए एक निश्चित मात्रा में तिल और चीनी के मिश्रण को कोयले की आग पर निश्चित समय सीमा तक मिलाया जाता है और एक निश्चित समय तक इसे कूटा जाता है। जिसके बाद लजीज और जायकेदार खास्ता तिलकुट खाने के लिए तैयार हो जाता है।  और मिश्रण और कूटने की प्रक्रिया में थोड़ी भी गड़बड़ी होती है तो स्वाद बिगड़ने का डर रहता है। गया में चीनी के अलावा गुड़ और खोवा का भी तिलकुट बनाया जाता है। जो विभिन्न दरों पर बाजार में बेचा जा रहा है। हालांकि महंगाई ने भी तिलकुट व्यवसाय पर अपना प्रभाव डाला है। 


चीनी और कोयले के कीमतों में वृद्धि हुई है साथ ही मजदूरी भी ज्यादा देनी होती है। जिस कारण स्थानीय दुकानदार मेहनत के मुताबिक फायदा न होने की बात बताते है। उनका कहना है कि सरकार भी तिलकुट व्यवसाय पर ध्यान नही दे रही है। अगर सरकार तिलकुट व्यवसाय को लघु कुटीर उद्योग का दर्जा देती है तो इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को काफी सहायता मिल सकेगी और यह व्यवसाय में और बढ़ावा होगा। वहीं महंगाई से ग्राहक भी प्रभावित है। लोगों का कहना है कि धार्मिक आस्था के आगे महंगाई कोई मायने नहीं रखती है। थोड़ा कम ही सही लेकिन मकर संक्रांति पर तिलकुट तो खाना ही है।

गया से नितम राज की रिपोर्ट