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05-Feb-2025 07:45 AM
By First Bihar
Ravi Pradosh Fast: प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। माघ माह में पड़ने वाला दूसरा प्रदोष व्रत इस बार 9 फरवरी 2025, रविवार को है। रविवार को पड़ने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत और विधि-विधान से पूजा करने पर भगवान शिव अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं और उनके जीवन की समस्याओं का अंत करते हैं।
रवि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
रवि प्रदोष व्रत माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है।
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 9 फरवरी 2025 को शाम 7:25 बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 10 फरवरी 2025 को शाम 6:57 बजे
प्रदोष काल में पूजा का समय: 9 फरवरी को शाम 7:25 बजे से रात 8:42 बजे तक
रवि प्रदोष व्रत की पूजा विधि
स्नान और संकल्प:
प्रातःकाल स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
पूरे दिन संयमित और शांत मन से रहें।
शिवलिंग का अभिषेक:
प्रदोष काल के दौरान शिवलिंग का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से अभिषेक करें।
इसके बाद गंगाजल और साफ जल से स्नान कराएं।
पूजा सामग्री चढ़ाएं:
बेलपत्र, सफेद फूल, अक्षत, चंदन, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
भगवान शिव के मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का जप रुद्राक्ष की माला से करें।
शिव तांडव स्तोत्र और शिव चालीसा का पाठ करें।
आरती:
पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
रवि प्रदोष व्रत में रखें ये सावधानियां
तामसिक भोजन (मांस, मछली, प्याज और लहसुन) का सेवन न करें।
व्रत रखने वाले साधक को नमक का त्याग करना चाहिए। केवल फल और जल ग्रहण करें।
मन में किसी प्रकार का द्वेष, ईर्ष्या या गलत विचार न लाएं।
ब्रह्मचर्य का पालन करें और दिनभर भगवान शिव का ध्यान करें।
रवि प्रदोष व्रत का महत्व
रवि प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को रखने से भक्त के सभी पाप नष्ट होते हैं और उसे मानसिक शांति, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है। विशेष रूप से रवि प्रदोष व्रत रखने से सूर्य देव से संबंधित दोषों का निवारण होता है और परिवार में खुशहाली आती है।
शिवजी की असीम कृपा पाने का दिन
रवि प्रदोष व्रत भगवान शिव के प्रति भक्तों की असीम श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है। इस दिन की पूजा विधि-विधान से करने और व्रत रखने से भगवान शिव भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। अतः इस पावन दिन पर पूरी श्रद्धा के साथ शिवजी की पूजा-अर्चना करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।