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04-Jan-2025 06:00 AM
By First Bihar
Paush Purnima 2025: नए साल 2025 की पहली पूर्णिमा, पौष पूर्णिमा, हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखती है। यह पवित्र दिन धार्मिक अनुष्ठानों, दान, और सत्यनारायण भगवान की पूजा के लिए जाना जाता है। इस बार, पौष पूर्णिमा का विशेष महत्व है क्योंकि इसी दिन से प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ हो रहा है।
पौष पूर्णिमा 2025 की तिथि और समय
आरंभ: 13 जनवरी 2025, सोमवार, सुबह 5:03 बजे।
समाप्ति: 14 जनवरी 2025, मंगलवार, तड़के 3:56 बजे।
स्नान और दान का दिन: उदयातिथि के अनुसार 13 जनवरी को।
महाकुंभ 2025 का शुभारंभ
13 जनवरी से प्रयागराज में गंगा-यमुना के संगम पर महाकुंभ का आरंभ होगा, जो 25 फरवरी तक चलेगा। यह महाकुंभ विशेष है क्योंकि यह पूर्ण कुंभ का भी प्रतीक है, जो हर 144 साल में एक बार होता है।
पहला अमृत स्नान
महाकुंभ के प्रमुख स्नानों में से पहला अमृत स्नान 13 जनवरी को होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने "शाही स्नान" का नाम बदलकर "अमृत स्नान" कर दिया है।
स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:27 से 6:21 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:09 से 12:51 बजे तक।
पौष पूर्णिमा 2025 के विशेष योग
रवि योग: सुबह 7:15 से 10:38 बजे तक।
वैधृति योग: 13 जनवरी से 14 जनवरी की सुबह 4:39 बजे तक।
नक्षत्र: आर्द्रा नक्षत्र सुबह 10:38 बजे तक, उसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र।
चंद्रोदय का समय
पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय शाम 5:04 बजे होगा। व्रत करने वाले भक्त इस समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपनी पूजा संपन्न करेंगे।
धार्मिक महत्व
इस दिन गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से पापों का नाश होता है। रवि योग और अन्य शुभ योगों के कारण इस दिन किए गए अनुष्ठान अत्यधिक फलदायी माने जाते हैं।