Bihar Crime News: किसान की गोली मारकर हत्या, अपराधियों ने चेहरे पर की ताबड़तोड़ फायरिंग Patna Encounter: कुख्यात अपराधी अंगेश कुमार एनकाउंटर में घायल, पुलिस पर की थी फायरिंग Bihar News: बिहार में अपराधियों की उलटी गिनती शुरू, भूमाफिया और ड्रग तस्करों के साथ 40 की संपत्ति होगी जब्त Bihar News: अवैध वसूली के आरोप में दो पुलिस पदाधिकारी निलंबित, चार कर्मी ड्यूटी से वंचित Muzaffarpur Encounter: पुलिस की पिस्टल छीन भाग रहा था कुख्यात, अब जीवन भर चलने में होगी दिक्कत Shravani Mela 2025: सुल्तानगंज पहुंचना इस श्रावणी मेले में होगा और आसान, रेलवे का बड़ा फैसला Bihar Monsoon: मॉनसून को लेकर करना पड़ेगा और इंतजार? मौसम विभाग ने गर्मी के बीच बढ़ा दी टेंशन Bihar News: बिहार में सदर अस्पताल के ओपीडी में हंगामा, दवा नहीं मिलने पर मरीज के परिजनों ने की तोड़फोड़ Bihar Crime News: बिहार में पुलिस का बड़ा एक्शन, 40 अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी, लिस्ट में कई सियासी रसूख वाले Bihar Crime News: बिहार में पुलिस का बड़ा एक्शन, 40 अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी, लिस्ट में कई सियासी रसूख वाले
04-Feb-2025 11:11 AM
By First Bihar
Narmada Jayanti 2025: नर्मदा जयंती हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु मां नर्मदा की पूजा-अर्चना करते हैं और नर्मदा नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजन और स्नान करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है तथा समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
नर्मदा जयंती 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त
सप्तमी तिथि प्रारंभ: 04 फरवरी 2025, सुबह 04:37 बजे
सप्तमी तिथि समाप्त: 05 फरवरी 2025, रात 02:30 बजे
महत्वपूर्ण समय
सूर्योदय: सुबह 07:08 बजे
सूर्यास्त: शाम 06:03 बजे
चंद्रोदय: सुबह 10:42 बजे
चंद्रास्त: रात 12:23 बजे
शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:23 से 06:15 तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:24 से 03:08 तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:00 से 06:27 तक
निशिता मुहूर्त: रात 12:09 से 01:01 तक
नर्मदा जयंती का पौराणिक महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, माघ मास की शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि को मां नर्मदा का अवतरण हुआ था। इसलिए इस दिन को नर्मदा जयंती के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन नर्मदा नदी में स्नान करने से सभी प्रकार के दुख और कष्ट समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है।
नर्मदा जयंती की पौराणिक कथा
पुराणों के अनुसार, देवताओं और राक्षसों के बीच हुए युद्धों के कारण देवता भी पाप के भागीदार बन गए थे। इससे मुक्ति पाने के लिए वे भगवान शिव की शरण में पहुंचे। भगवान शिव ने देवताओं के पापों से मुक्ति के लिए मां नर्मदा को उत्पन्न किया। तभी से मां नर्मदा को पवित्र और मोक्षदायिनी माना जाता है।
पूजा-विधि और उपाय
प्रातः काल उठकर पवित्र नदी में स्नान करें या घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
मां नर्मदा की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाएं और धूप-दीप से पूजा करें।
नर्मदा अष्टक स्तोत्र और नर्मदा चालीसा का पाठ करें।
गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न एवं वस्त्र दान करें।
शाम को नर्मदा नदी के तट पर दीपदान करें।
नर्मदा जयंती का पर्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और पर्यावरणीय रूप से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन मां नर्मदा के प्रति श्रद्धा व्यक्त करके, नदी की स्वच्छता और संरक्षण का संकल्प लेना भी आवश्यक है। यह पर्व हमें नदियों की महिमा और उनके संरक्षण के महत्व की भी याद दिलाता है।