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Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि 2025 की डेट; शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है, जिसे भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।

Mahashivratri 2025

17-Feb-2025 06:45 AM

By First Bihar

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि का महत्वमहाशिवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की स्मृति में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।


महाशिवरात्रि 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 26 फरवरी 2025, सुबह 11:08 बजे

चतुर्दशी तिथि समाप्त: 27 फरवरी 2025, सुबह 08:54 बजे

निशिता काल पूजा मुहूर्त: 26 फरवरी, रात 12:09 से 12:59 बजे तक


महाशिवरात्रि की पूजा विधि

प्रातः काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

घर या मंदिर में शिवलिंग की विधिवत पूजा करें।

शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें।

बेलपत्र, धतूरा, भांग और सफेद फूल चढ़ाएं।

भगवान शिव की आरती करें और मंत्रों का जाप करें।

व्रत रखने वाले श्रद्धालु फलाहार करें और रात्रि जागरण करें।

अगले दिन पारण कर व्रत संपन्न करें।


शिव कृपा प्राप्ति के उपाय

घर में रुद्राक्ष रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और शिव कृपा प्राप्त होती है।

पारद शिवलिंग स्थापित करने से वास्तु दोष और पितृ दोष दूर होते हैं।

समस्त शिव परिवार की तस्वीर घर में रखने से सुख-शांति बनी रहती है।

बेलपत्र और शमी के पौधे घर में लगाने से जीवन में शुभता बढ़ती है।


महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्वमहाशिवरात्रि केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन ब्रह्मांड में सकारात्मक ऊर्जा अत्यधिक सक्रिय रहती है, जिससे ध्यान और साधना करने वालों को विशेष लाभ मिलता है। यह रात जागरण और मंत्र जाप के लिए उत्तम मानी जाती है। महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की भक्ति में लीन होने और आध्यात्मिक उन्नति का एक अद्भुत अवसर है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है। भगवान शिव की कृपा से समस्त कष्टों का नाश होता है और जीवन में उन्नति के मार्ग खुलते हैं।