Bihar News: ट्रायल के बाद भी क्यों शुरू नहीं हुई डबल डेकर ओपन बस सेवा? विभाग ने ही लगा दिया पेंच? Bihar Crime News: किसान की गोली मारकर हत्या, अपराधियों ने चेहरे पर की ताबड़तोड़ फायरिंग Patna Encounter: कुख्यात अपराधी अंगेश कुमार एनकाउंटर में घायल, पुलिस पर की थी फायरिंग Bihar News: बिहार में अपराधियों की उलटी गिनती शुरू, भूमाफिया और ड्रग तस्करों के साथ 40 की संपत्ति होगी जब्त Bihar News: अवैध वसूली के आरोप में दो पुलिस पदाधिकारी निलंबित, चार कर्मी ड्यूटी से वंचित Muzaffarpur Encounter: पुलिस की पिस्टल छीन भाग रहा था कुख्यात, अब जीवन भर चलने में होगी दिक्कत Shravani Mela 2025: सुल्तानगंज पहुंचना इस श्रावणी मेले में होगा और आसान, रेलवे का बड़ा फैसला Bihar Monsoon: मॉनसून को लेकर करना पड़ेगा और इंतजार? मौसम विभाग ने गर्मी के बीच बढ़ा दी टेंशन Bihar News: बिहार में सदर अस्पताल के ओपीडी में हंगामा, दवा नहीं मिलने पर मरीज के परिजनों ने की तोड़फोड़ Bihar Crime News: बिहार में पुलिस का बड़ा एक्शन, 40 अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी, लिस्ट में कई सियासी रसूख वाले
14-Feb-2025 06:00 AM
By First Bihar
Falgun Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या का दिन पवित्र और विशेष माना गया है। यह दिन पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए महत्वपूर्ण है। इस वर्ष फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी 2025, गुरुवार को है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान, तर्पण और दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में खुशहाली आती है।
फाल्गुन अमावस्या 2025: तिथि और समय
अमावस्या आरंभ: 27 फरवरी 2025, सुबह 8:54 मिनट
अमावस्या समाप्ति: 28 फरवरी 2025, सुबह 6:14 मिनट
फाल्गुन अमावस्या का धार्मिक महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित होता है। इस दिन किए गए धार्मिक कर्म जैसे तर्पण, स्नान, और दान से पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। यह दिन नेत्रदान और जीवदान जैसे पुण्य कार्यों के लिए भी उपयुक्त माना गया है।
पितरों को प्रसन्न करने के उपाय
गंगा स्नान और तर्पण:
स्नान के दौरान जल में काले तिल डालें और पवित्र नदियों में स्नान करें।
तर्पण में तिल और कुशा का उपयोग करें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
पीपल पूजन:
सुबह पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें।
शाम को गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं और पितृ सूक्त का पाठ करें। यह क्रिया पितरों की आत्मा को तृप्त करती है।
धूप और दीप अर्पण:
गाय के गोबर से बने कंडे पर घी और गुड़ डालकर धूप दें।
"पितृ देवताभ्यो अर्पणमस्तु" मंत्र का जाप करें।
पितरों को याद करते हुए गाय को हरा चारा खिलाएं। यह वंश वृद्धि और परिवार की समृद्धि के लिए शुभ माना गया है।
दान का महत्व
फाल्गुन अमावस्या पर दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना पुण्यकारी होता है।
काले तिल, अन्न, वस्त्र, और दक्षिणा का दान करें।
गायों को भोजन और हरा चारा दें।
नेत्रदान, रक्तदान, या जीवदान का संकल्प लें। यह पितरों को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम उपाय है।
विशेष धार्मिक क्रियाएं
पवित्र दीपदान:
सूर्यास्त के समय दीप जलाकर पवित्र नदियों में प्रवाहित करें।
संकल्प और मंत्र जाप:
इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए संकल्प लें और पितृ शांति के लिए मंत्र जाप करें।
पितरों की तृप्ति के लिए अनुष्ठान:
पितृ दोष निवारण के लिए पंडितों द्वारा विशेष अनुष्ठान कराएं।
फाल्गुन अमावस्या का प्राकृतिक महत्व
फाल्गुन अमावस्या न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का भी दिन है। इस दिन पेड़ों, नदियों, और पशु-पक्षियों की सेवा करना हमारे पर्यावरण और समाज के लिए भी लाभकारी होता है।
फाल्गुन अमावस्या 2025 का यह पवित्र दिन हमें पितरों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर देता है। गंगा स्नान, तर्पण, और दान जैसे धार्मिक कर्म करने से न केवल पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, बल्कि उनके आशीर्वाद से हमारे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इस शुभ दिन पर धार्मिक क्रियाओं का पालन अवश्य करें और अपने पितरों को प्रसन्न करें।