Bihar Crime News: बिहार में बदमाशों का तांडव, दो लोगों को गोलियों से भूना, दिनदहाड़े हत्या की वारदात से हड़कंप Bihar Crime News: बिहार में बदमाशों का तांडव, दो लोगों को गोलियों से भूना, दिनदहाड़े हत्या की वारदात से हड़कंप SVU RAID : विशेष निगरानी इकाई की बड़ी कार्रवाई: राजस्व कर्मचारी रवि कुमार 15 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार Sharadiya Navratri 2025: 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत, घटस्थापना के दो शुभ मुहूर्त; जानिए पर्व से जुड़ी खास बातें Bihar Politics: महात्मा गांधी की प्रतिमा से छेड़छाड़ का मामला गरमाया, तेज प्रताप ने किया शुद्धिकरण Bihar Politics: महात्मा गांधी की प्रतिमा से छेड़छाड़ का मामला गरमाया, तेज प्रताप ने किया शुद्धिकरण bank robbery : SBI में दिनदहाड़े हो गई 20 किलो सोने और करोड़ों की कैश की लूट, पैदल ही फरार हो गए बदमाश Dhanashree Verma: धनश्री वर्मा ने युजवेंद्र चहल पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- ‘डरते हैं कहीं मैं मुंह ना खोल दूं’ Bihar News: RCD गया में करोड़ों के घोटाले वाली फाइल दुबारा कहां तक बढ़ी..या डंप कर दी गई ? पटना HC ने ठेकेदार को तत्काल राहत देते हुए फिर से प्रक्रिया शुरू करने का दिया था आदेश पटना में BJP का पोस्टर वॉर: पीएम मोदी की मां को बताया दुर्गा, राहुल-तेजस्वी समेत पूरे विपक्ष को दिखाया महिषासुर
26-Jan-2025 07:20 AM
By First Bihar
Devaki, जो मथुरा के राजा उग्रसेन की पुत्री और कंस की बहन थीं, का उल्लेख भारतीय पौराणिक कथाओं में एक विशेष स्थान रखता है। उनका विवाह वासुदेव से हुआ था, और वे द्वापर युग में भगवान कृष्ण की मां के रूप में जानी जाती हैं। लेकिन देवकी केवल कृष्ण की मां ही नहीं थीं, बल्कि उन्हें ब्रह्म शक्ति का स्वरूप भी माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अपने विभिन्न जन्मों में उन्होंने भगवान विष्णु के अलग-अलग अवतारों को जन्म दिया।
देवकी के पूर्वजन्म की कथा
भागवत पुराण के अनुसार, देवकी का पूर्वजन्म पृश्नि के रूप में हुआ था। उस जन्म में उनके पति सुतपा नामक प्रजापति थे। पृश्नि और सुतपा ने संतान प्राप्ति के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु प्रकट हुए और वरदान मांगने को कहा। तब दोनों ने विष्णु से उनके समान पुत्र का वरदान मांगा। भगवान विष्णु ने उनके तप से प्रसन्न होकर आशीर्वाद दिया, जिसके फलस्वरूप पृश्नि के गर्भ से पृश्निगर्भ नामक पुत्र का जन्म हुआ। यह पुत्र स्वयं भगवान विष्णु का अवतार था।
भगवान विष्णु की इच्छा और वामन अवतार
पौराणिक कथाओं में यह भी बताया गया है कि भगवान विष्णु ने एक बार देवताओं की माता अदिति के मातृत्व को देखकर यह इच्छा प्रकट की थी कि वे भी अदिति के पुत्र के रूप में जन्म लेना चाहते हैं। उनकी यह इच्छा वामन अवतार के रूप में पूरी हुई। वामन अवतार के दौरान भगवान विष्णु ने राजा बलि के अहंकार को समाप्त करने के लिए तीन पगों में पूरी पृथ्वी और ब्रह्मांड को नाप लिया।
देवकी और अदिति का संबंध
द्वापर युग की देवकी को देवी अदिति का अवतार माना जाता है। अदिति, जो प्रजापति दक्ष और माता वीरणी की पुत्री थीं, का विवाह ऋषि कश्यप से हुआ था। अदिति को देवमाता कहा जाता है क्योंकि उनके गर्भ से सभी देवताओं का जन्म हुआ था। इन देवताओं में वामन भगवान (त्रिविक्रम), विवस्वान, अर्यमा, पूषा, त्वष्टा, सविता, भग, धाता, वरुण, मित्र, विधाता और इंद्र शामिल हैं।
देवकी का आध्यात्मिक महत्व
देवकी केवल पौराणिक कथाओं की एक पात्र नहीं हैं, बल्कि उनके माध्यम से यह संदेश मिलता है कि मातृत्व एक दिव्य शक्ति है। भगवान विष्णु ने उनके गर्भ से जन्म लेकर यह प्रमाणित किया कि देवकी ब्रह्म शक्ति का स्वरूप हैं। उनके जीवन से जुड़ी कथाएं धर्म, विश्वास और भक्ति का संदेश देती हैं। इस लेख में बताए गए तथ्य पौराणिक ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन कथाओं का उद्देश्य केवल जानकारी देना है। पाठकों से अनुरोध है कि वे अपने विवेक का उपयोग करें और इन्हें अंतिम सत्य न मानें।