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19-Apr-2025 05:50 PM
By First Bihar
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कुछ ऐसी अहम बातें बताई हैं, जो आज भी जीवन के हर पड़ाव पर सही साबित होती हैं।
उन्होंने कहा था कि व्यक्ति के जीवन में तीन चीजें ऐसी होती हैं, जो उसे अपनी जान से भी अधिक प्रिय होती हैं| दौलत, औरत (पत्नी/प्रेमिका), और औलाद (संतान)। इन तीनों के लिए इंसान किसी भी हद तक जा सकता है, क्योंकि ये उसकी भावनाओं, आत्मसम्मान (self respect) और जीवन की बुनियाद से जुड़ी होती हैं।
दौलत (धन)
धन न केवल जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि व्यक्ति की सामाजिक पहचान, सम्मान और आत्मविश्वास का आधार भी बनता है। चाणक्य के अनुसार, इंसान अपने धन की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति तक दे सकता है। यही कारण है कि दौलत को अत्यधिक प्रिय माना गया है।
औरत (पत्नी या प्रेमिका)
एक सच्चा जीवनसाथी व्यक्ति के जीवन में संबल और ऊर्जा का स्रोत बनता है। पत्नी या प्रेमिका के प्रति जुड़ाव भावनात्मक रूप से इतना गहरा होता है कि व्यक्ति उसकी खुशी और सुरक्षा के लिए हर कठिनाई से लड़ जाता है। चाणक्य मानते थे कि एक अच्छी और स्नेही स्त्री पुरुष की सबसे बड़ी ताकत होती है।
औलाद (संतान)
संतान का प्रेम सबसे पवित्र और निःस्वार्थ होता है। मां-बाप अपने बच्चों की खुशी, सफलता और सुरक्षित भविष्य के लिए हर त्याग करने को तैयार रहते हैं। चाणक्य ने कहा है कि औलाद व्यक्ति का वंश, उसका नाम और भविष्य होती है।
चाणक्य की यह नीति आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी उनके समय में थी। दौलत, औरत और औलाद ,ये तीनों व्यक्ति के जीवन के ऐसे स्तंभ हैं, जिनके बिना उसका जीवन अधूरा लगता है। इनका महत्व समझना और इनके साथ संतुलन बनाए रखना ही जीवन की असली समझदारी है।