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Bodhgaya temple clash : 2300 साल पुराने महाबोधि मंदिर... हिंदू पुजारियों और बौद्ध भिक्षुओं के बीच टकराव!

Bodhgaya temple clash: बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर को लेकर हिंदू पुजारियों और बौद्ध भिक्षुओं के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। बौद्ध भिक्षु महाबोधि मंदिर को पूरी तरह से बौद्धों के नियंत्रण में देने की मांग कर रहे हैं.

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12-Mar-2025 03:04 PM

By First Bihar

Bodhgaya temple :बिहार के विश्वप्रसिद्ध महाबोधि मंदिर के नियंत्रण को लेकर हिंदू पुजारियों और बौद्ध भिक्षुओं के बीच विवाद जारी है। बौद्ध भिक्षु पिछले एक महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और उनकी मुख्य मांग बोधगया टेंपल एक्ट (BT एक्ट) 1949 को समाप्त करने की है। यह मुद्दा नया नहीं है, बल्कि 1922 में कांग्रेस अधिवेशन में भी इसे उठाया गया था।

BT एक्ट के तहत बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी (BTMC) में कुल आठ सदस्य होते हैं, जिनमें चार बौद्ध और चार हिंदू होते हैं। इस कमेटी के अध्यक्ष गया के जिलाधिकारी (DM) होते हैं। 2013 में इस एक्ट में संशोधन किया गया, जिसके बाद जिला अधिकारी (DM) के हिंदू होने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई। इससे पहले, (BTMC) का अध्यक्ष केवल हिंदू ही हो सकता था।


बौद्ध भिक्षु (BT) एक्ट को समाप्त करने और मंदिर का संपूर्ण नियंत्रण बौद्धों को देने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि हिंदू पुजारियों ने उनके तीर्थस्थल पर कब्जा कर लिया है। मंदिर में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित कर दी गई हैं और भगवान बुद्ध की प्रतिमा को भगवा रंग में प्रस्तुत किया जा रहा है।बौद्ध भिक्षु 12 फरवरी से महाबोधि मंदिर के पास आमरण अनशन कर रहे थे, लेकिन 27 फरवरी को प्रशासन ने उन्हें वहां से हटा दिया। अब वे दोमुहान नामक स्थान पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।


वहीं हिंदू पुजारियों का कहना है कि मंदिर परिसर में शिवलिंग और पांडवों के मंदिर भी हैं, जहां हर साल लाखों हिंदू तर्पण करने आते हैं। उनका तर्क है कि भगवान बुद्ध भी सनातन धर्म से जुड़े थे, इसलिए हिंदू पुजारियों को हटाया नहीं जा सकता। उनका यह भी कहना है कि (BTMC) में हिंदू सदस्य अनिवार्य रूप से होने चाहिए, क्योंकि हजारों वर्षों से हिंदू संत-महंत भी इस मंदिर की सेवा कर रहे हैं।इस विवाद को लेकर लद्दाख, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और अमेरिका में भी बौद्ध समुदाय द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। आंदोलनकारी BT एक्ट को समाप्त करने और महाबोधि मंदिर को पूरी तरह से बौद्ध भिक्षुओं के नियंत्रण में देने की मांग कर रहे हैं।