Credit Card Fraud: स्कैमर्स का निशाना बन सकता है आपका क्रेडिट कार्ड, भूल कर भी न करें ये गलतियां Bihar Crime News: थाने के लॉकअप से चकमा देकर फरार हो गए तीन अपराधी, मुंह देखती रह गई बिहार पुलिस PMO : प्रधानमंत्री कार्यालय जल्द शिफ्ट होगा: नए एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव में PMO, कैबिनेट सचिवालय और NSA सचिवालय भी होगा ट्रांसफ़र Vande Bharat Train: बिहार को वंदे भारत की नई सौगात, इस रूट पर विस्तार की तैयारी Bihar Police News: बिहार के इस जिले में पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, 21 थानों के थानेदार बदले; SSP ने जारी किया आदेश Bihar Police News: बिहार के इस जिले में पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, 21 थानों के थानेदार बदले; SSP ने जारी किया आदेश EOU RAID: नगर विकास विभाग के लिए भ्रष्टाचार बना शिष्टाचार ! तभी तो करप्शन केस में रेड के 28 दिनों बाद भी 'अनुभूति श्रीवास्तव' को नहीं किया सस्पेंड, आज भी बरसाई जा रही विशेष कृपा Birth certificates : अब घर बैठे दस मिनट में तैयार होगा बर्थ सर्टिफिकेट, सरकार ने शुरू की यह सेवा PM Modi Birthday 2025: पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर गयाजी में विशेष पूजा-अर्चना, प्रधानमंत्री के दीर्घायु होने की कामना PM Modi Birthday 2025: पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर गयाजी में विशेष पूजा-अर्चना, प्रधानमंत्री के दीर्घायु होने की कामना
18-Feb-2025 06:38 AM
By First Bihar
आचार्य चाणक्य, जिनकी नीतिशास्त्र आज भी हमारे जीवन में प्रासंगिक है, ने बच्चों के पालन-पोषण पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उनका मानना था कि माता-पिता का व्यवहार बच्चों के जीवन और उनके भविष्य पर गहरा असर डालता है। चाणक्य जी के अनुसार, बच्चों के संस्कार और भविष्य की दिशा तय करने में माता-पिता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
माता-पिता के व्यवहार का प्रभाव
चाणक्य जी का मानना था कि माता-पिता को अपने बच्चों के सामने कभी भी क्रोध और अहंकार जैसी नकारात्मक भावनाओं को व्यक्त नहीं करना चाहिए। क्योंकि बच्चों के मन में यही भावनाएं समाहित हो सकती हैं और उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बन सकती हैं। यदि माता-पिता खुद क्रोध, गुस्सा और अहंकार का प्रदर्शन करते हैं, तो बच्चे भी उन्हीं आदतों को सीख सकते हैं, जो उनके लिए नुकसानदायक हो सकती हैं।
अपमान और झगड़े से बचें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, माता-पिता को बच्चों के सामने कभी भी किसी दूसरे का अपमान या झगड़ा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से बच्चों के मन में नकारात्मक विचार आ सकते हैं और उनका मानसिक विकास भी प्रभावित हो सकता है। इसके साथ ही, बच्चों के सामने किसी भी तरह का विवाद न करना भी आवश्यक है, क्योंकि बच्चों पर इससे नकारात्मक असर पड़ता है।
झूठ बोलने से बचें
चाणक्य जी यह भी सलाह देते हैं कि माता-पिता को बच्चों के सामने कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। जब माता-पिता झूठ बोलते हैं, तो बच्चे इसे सामान्य मानकर अपने जीवन में भी झूठ बोलने की आदत बना सकते हैं। यह आदत भविष्य में उनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। इसलिए, माता-पिता को अपनी इस आदत को सुधारने की सलाह दी जाती है, ताकि बच्चे झूठ बोलने से दूर रहें।
दिखावा न करें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, माता-पिता को बच्चों के सामने कभी भी किसी चीज का दिखावा नहीं करना चाहिए। दिखावा करने से बच्चों को यह सीखने को मिल सकता है कि बाहरी आडंबर ही महत्वपूर्ण है, जबकि जीवन में असली मूल्य और संस्कार ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। बच्चों को अच्छे संस्कार देने के लिए माता-पिता को अपनी आदतों पर ध्यान रखना चाहिए और उन्हें उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के इन सिद्धांतों से यह स्पष्ट है कि बच्चों के पालन-पोषण में माता-पिता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यदि माता-पिता अपने व्यवहार में सुधार लाते हैं और अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देते हैं, तो उनका भविष्य उज्जवल बन सकता है। बच्चों के सामने सकारात्मक भावनाओं और आदतों का प्रदर्शन करना उनके व्यक्तित्व के विकास में सहायक होता है।