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18-Jun-2025 01:18 PM
By First Bihar
Bihar Politics: राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप आम बात है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज एक ऐसा बयान दिया जिसने बिहार की सियासत में सनसनी फैला दी है। तेजस्वी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को एक साजिश के तहत राजनीति में आने से रोका जा रहा है और यह षड्यंत्र मुख्यमंत्री के करीबी नेताओं और तथाकथित "भुजा पार्टी" के कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा किया जा रहा है।
तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री के आसपास मौजूद कुछ लोग, जो खुद को ‘भुंजा पार्टी’ से जोड़ते हैं, वे नहीं चाहते कि निशांत कुमार राजनीति में आएं। निशांत की राजनीति में आने की इच्छा है, लेकिन उन्हें योजनाबद्ध तरीके से रोका जा रहा है। मुख्यमंत्री की उम्र और अनुभव का फायदा उठाकर ये लोग अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति करना चाहते हैं।”
तेजस्वी ने आगे कहा कि ये वही लोग हैं जो खुद को मुख्यमंत्री का सबसे बड़ा हितैषी बताते हैं, लेकिन असल में मुख्यमंत्री जी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनका मकसद सिर्फ अपनी सत्ता बचाए रखना है। उन्होंने कहा कि “अगर मुख्यमंत्री जी के बेटे राजनीति में आना चाहते हैं तो किसी को उन्हें रोकने का अधिकार नहीं है। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी भूमिका तय करने का हक है। जनता को यह जानना जरूरी है कि कौन लोग मुख्यमंत्री जी के परिवार का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं।” तेजस्वी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। जेडीयू और बीजेपी के बीच समीकरण लगातार बदलते रहे हैं, और विपक्ष लगातार सरकार पर हमला बोल रहा है।
वहीं, पीएस मोदी के बिहार दौरे को लेकर जब तेजस्वी यादव से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कोई रोजगार बांटने नहीं आ रहे हैं, गरीबी खत्म करने नहीं आ रहा हैं, प्रधानमंत्री पलायन खत्म करने के लिए नहीं आ रहा हैं। प्रधानमंत्री बिहार के लोगों को ठगने आ रहे हैं। आगे तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरा तो पीएम से यही सवाल है कि बिहार आ रहे हैं तो तीनों जमाई को माला पहनाएंगे।
प्रधानमंत्री बताएंगे कि एनडीए का मतलब क्या है? प्रधानमंत्री नेशनल दामाद आयोग की मीटिंग करने आ रहे हैं। हम लोगों की हमेशा से चाहत रही है सभी दल सभी समाज हम लोगों के मानसिकता वाले का विचारधारा वाले लोग हैं खासकर हर समाज और हर वर्ग को ध्यान में रख कर चले हम उनके लिए कम करना चाहते हैं।
सत्ताधारी दल जनता दल (यूनाइटेड) के कुछ नेताओं ने हाल ही में आरएसएस और जातिगत कोटा व्यवस्था से जुड़े बयान दिए थे, जिससे विपक्ष को नए सिरे से हमला करने का मौका मिल गया है। तेजस्वी यादव के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। अब देखना यह होगा कि जेडीयू या मुख्यमंत्री कार्यालय इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देता है। क्या यह महज एक राजनीतिक हमला है या सचमुच जेडीयू के भीतर कुछ ऐसा चल रहा है जिसे अब तक सामने नहीं लाया गया था?
रिपोर्ट- प्रेम राज