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14-Jun-2025 07:49 AM
By First Bihar
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) एक बड़े संगठनात्मक बदलाव की तैयारी में है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) एक बड़े संगठनात्मक बदलाव की तैयारी में है वे वर्तमान अध्यक्ष जगदानंद सिंह की जगह लेंगे, जो लंबे समय से पार्टी की सक्रिय राजनीति से दूरी बनाए हुए हैं।
आरजेडी में इस समय संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। पार्टी के राष्ट्रीय निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. रामचंद्र पूर्वे की देखरेख में राज्य निर्वाचन अधिकारियों ने राज्य परिषद की सूची प्रकाशित कर दी है। 14 जून को नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें मंगनी लाल मंडल भी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे।
निर्वाचन प्रक्रिया का समापन 19 जून को पटना के ज्ञान भवन में होगा, जहाँ प्रदेश निर्वाचन पदाधिकारी तनवीर हसन की अध्यक्षता में राज्य परिषद की बैठक आयोजित की जाएगी। उसी दिन मतगणना के बाद नतीजों की घोषणा कर दी जाएगी। चूँकि मंगनी लाल मंडल को शीर्ष नेतृत्व का समर्थन प्राप्त है, ऐसे में उनका निर्विरोध निर्वाचन लगभग तय माना जा रहा है।
आरजेडी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, जो पार्टी के प्रमुख सवर्ण (राजपूत) चेहरा रहे हैं, बीते कई महीनों से संगठनात्मक गतिविधियों में निष्क्रिय रहे हैं। वे राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे और पार्टी कार्यालय में उनकी उपस्थिति न के बराबर रही। उनकी निष्क्रियता और नेतृत्व से असहमति की अटकलें लंबे समय से लगाई जा रही थीं।
मंगनी लाल मंडल बिहार की राजनीति में एक अनुभवी नेता हैं। वे अति पिछड़ा वर्ग (EBC) से आते हैं और सामाजिक समीकरणों के लिहाज से आरजेडी की रणनीति के लिए अहम माने जा रहे हैं। वे पूर्व में बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं, साथ ही लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य भी रहे हैं। हालांकि, एक समय वे नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में शामिल हो गए थे, लेकिन 2024 की शुरुआत में वे दोबारा आरजेडी में लौट आए।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, आरजेडी नेतृत्व 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के संगठन को फिर से मजबूत करना चाहता है। खासकर अति पिछड़ा वर्ग, दलित, मुस्लिम और युवा मतदाताओं के बीच पकड़ मजबूत करने के लिए नेतृत्व में प्रतिनिधित्व संतुलन की रणनीति अपनाई जा रही है। मंगनी लाल मंडल की नियुक्ति इसी दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
राज्य की राजनीति में आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के साथ महागठबंधन का नेतृत्व कर रही है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए आगामी चुनावों में सत्ता पुनः पाने की कोशिश में है। ऐसे में संगठनात्मक रूप से चुस्त-दुरुस्त रहना आरजेडी के लिए आवश्यक हो गया है।
आरजेडी की इस बदलाव से यह स्पष्ट है कि पार्टी नेतृत्व आगामी चुनावों को लेकर कोई कोताही नहीं बरतना चाहता। मंगनी लाल मंडल की नियुक्ति से पार्टी को सामाजिक समीकरणों में नई मजबूती मिलने की उम्मीद की जा रही है, जबकि जगदानंद सिंह की चुप्पी और निष्क्रियता का अंत भी अब तय माना जा रहा है।