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01-May-2025 08:39 AM
By First Bihar
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जहां सभी राजनीतिक दल कमर कस चुके हैं, वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के सीमांचल दौरे से ठीक पहले बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से AIMIM के दर्जनों नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
यह असंतोष तब फूटा जब पार्टी ने बहादुरगंज सीट से पूर्व कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम को टिकट देने का फैसला किया। तौसीफ हाल ही में कांग्रेस छोड़कर AIMIM में शामिल हुए थे। बुधवार को नाराज़ कार्यकर्ताओं ने बैठक कर पार्टी नेतृत्व पर आरोप लगाते हुए इस्तीफे का ऐलान कर दिया।
AIMIM के युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मासूम रज़ा, बहादुरगंज प्रखंड अध्यक्ष (AIMIM) तौसीफ आलम, और कई अन्य स्थानीय नेताओं ने सामूहिक रूप से पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। इस्तीफा देने के साथ ही इन नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान और पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की।
मासूम रज़ा ने कहा कि ''तौसीफ आलम 17 साल तक विधायक रहे लेकिन कभी जनता की आवाज़ नहीं उठाई। एक भी प्रश्न विधानसभा में नहीं पूछा। फिर उन्हें टिकट देना पार्टी नेतृत्व की बहुत बड़ी भूल है।''
रज़ा ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत और भावना की अनदेखी की गई है। उनका कहना है कि अगर टिकट किसी और को भी दिया जाता, तो इतनी नाराज़गी नहीं होती, लेकिन तौसीफ आलम को देना सरासर गलत निर्णय है।
AIMIM ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करते हुए 5 सीटें जीती थीं। बहादुरगंज जैसे क्षेत्रों में पार्टी का जनाधार बढ़ा था, लेकिन अब कार्यकर्ताओं के इस्तीफे और असंतोष के बाद पार्टी की स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है। बहादुरगंज AIMIM के लिए एक महत्वपूर्ण सीट मानी जाती रही है। यदि बगावत का यह सिलसिला जारी रहा, तो आगामी चुनाव में पार्टी को सीमांचल में मजबूत पकड़ बनाए रखने में मुश्किल आ सकती है।
पार्टी ने अभी तक तौसीफ आलम को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, ओवैसी के दौरे के दौरान स्थानीय कार्यकर्ताओं को मनाने की कोशिश की जाएगी। ओवैसी 3 मई को सीमांचल आ रहे हैं और माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर वे खुलकर बयान देंगे और स्थिति को संभालने की कोशिश करेंगे
गौरतलब है कि बिहार में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें 243 सीटों पर मतदान होगा। सभी पार्टियां जनता और अपने कार्यकर्ताओं को जोड़ने में जुटी हैं, लेकिन AIMIM जैसे दलों के लिए कार्यकर्ताओं का समर्थन खोना गंभीर चुनौती बन सकता है।