ब्रेकिंग न्यूज़

गयाजी में किसान सम्मेलन का आयोजन, सूरज यादव ने किसानों की आवाज़ बनने का लिया संकल्प थाने के लॉकअप से फरार कैदियों को पुलिस ने दबोचा, चौकीदार और OD ऑफिसर पर सहरसा SP ने की कार्रवाई बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग: अनशन के दौरान RJD नेता की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में मिलने पहुंचे मनोज झा मुजफ्फरपुर: कॉलेज प्राचार्या पर महिला कर्मी की पिटाई और वसूली का आरोप, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला पूर्णिया में NSD का नाट्य उत्सव: विद्या विहार स्कूल में 21-22 सितम्बर को विशेष प्रस्तुतियाँ बिहार में चुनावी सरगर्मी हुई तेज: शाह-नीतीश की मुलाकात के बाद JDU ने की बैठक, राहुल और तेजस्वी पर साधा निशाना अमित शाह का बेगूसराय दौरा, राहुल-लालू-तेजस्वी पर साधा जमकर निशाना पटना के गर्दनीबाग में 28.66 करोड़ से बनेगा आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, क्रिकेट की 15 पिचों समेत जिम-हॉल की सुविधा BIHAR NEWS : 'एक दिन एक घंटा एक साथ’, बिहार में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान शुरू, गंगा तटवर्ती जिलों में पहुँचेगा स्वच्छता संदेश कल BJP के किस नेता का नंबर..? प्रशांत किशोर चौथा किस्त जारी करेंगे, दावा- जो फड़फड़ा रहा वो धाराशाई होकर गिर जाएगा

टूट गया चांद पर यान उतारने का देश का सपना, चांद की सतह से दो किलोमीटर पहले टूट गया धरती से संपर्क

टूट गया चांद पर यान उतारने का देश का सपना, चांद की सतह से दो किलोमीटर पहले टूट गया धरती से संपर्क

08-Sep-2019 03:22 PM

By 13

DESK: चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान उतारने के भारत के सपने पर ग्रहण लग गया. चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का संपर्क चांद की सतह से दो किलोमीटर धरती से टूट गया. इसके साथ ही पूरे देश में निराशा छा गयी. हालांकि इसरो ने कहा है कि अभी तक डाटा का अध्ययन किया जा रहा है. इसको के अध्यक्ष ने किया एलान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के सिवन ने मिशन के बाद एलान किया- चंद्रयान का विक्रम लैंडर योजना के अनुसार लैंड करने जा रहा था. चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर पहले तक सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से चल रहा था और सामान्य था. लेकिन उसे बाद धरती से उसका संपर्क टूट गया. हम डेटा की समीक्षा कर रहे हैं.चंद्रयान के विक्रम लैंडर को रात 1 बजकर 53 मिनट पर चांद की सतह पर उतरना था. इसी बीच ये वाकया हुआ. पूरे देश में छा गयी निराशा चंद्रयान-2 मिशन पर ग्रहण लगते ही पूरे देश में निराशा फैल गयी. पूरा देश चांद पर यान उतरने का इंतजार कर रहा था. रात के 1 बजकर 50 मिनट तक सब कुछ सामान्य तरीके से चल रहा था. अचानक चांद पर लैंड करने जा रहे विक्रम लैंडर का संपर्क इसरो से टूट गया. इसरो सेंटर में मौजूद तीन सौ वैज्ञानिकों के चेहरे मुरझा गये. पूरे देश में निराशा छा गयी. हालांकि वैज्ञानिक विक्रम लैंडर से संपर्क साधने की कोशिश करते रहे. लेकिन उन्हें देर तक सफलता नहीं मिली. क्या था विक्रम लैंडर 1,471 किलोग्राम के वजन का विक्रन लैंडर वो यान था जिसे चांद की सतह पर लैंड करना था. इसका नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए साराभाई के नाम पर रखा गया था. इसे चांद पर 'सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए तैयार किया गया था. इसके अंदर प्रज्ञान रोवर मौजूद था, जो विक्रम के लैंड करने के बाद चांद की सतह पर घूम कर जानकारियां एकत्र करता. प्रज्ञान रोवर 27 किलोग्राम वजनी छह पहिया रोबोटिक वाहन था. प्रज्ञान रोवर लैंडिग स्थल से आधे किलोमीटर की दूरी तय कर सकता था और यह अपने परिचालन के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करने वाला था. इसरो के अनुसार, लैंडर में तीन वैज्ञानिक उपकरण लगे थे जो चांद की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देने वाले थे. जबकि रोवर के साथ दो वैज्ञानिक उपकरण चांद की सतह से संबंधित समझ बढ़ाने के लिए थे. भारत को पहले प्रयास में निराशा चंद्रयान -2 चंद्रमा पर एक अंतरिक्ष यान को उतारने का भारत का पहला प्रयास था. अब तक सिर्फ तीन देश अमेरिका, रूस और चीन ही चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान उतारने में सफल रहे हैं. हालांकि दुनिया के कई अन्य देशों ने भी चंद्रमा पर यान उतारने की कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी इसरो ने 10 साल पहले चंद्रयान-2 की तैयारी शुरू की थी. चंद्रयान-2 मिशन पर 978 करोड़ रूपये खर्च किये गये थे.