ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR ELECTION : “Tejashwi Yadav पर गिरिराज सिंह का तंज: कांग्रेस की खुशामद के बाद भी नहीं मिला CM पद, इंडी गठबंधन पर बड़ा हमला” Bihar News: बिहार में पुलिस की बड़ी सफलता! AK-47 और कई हथियार के साथ जिंदा कारतूस बरामद, दो तस्कर गिरफ्तार BIHAR NEWS : मुजफ्फरपुर में चोरों का आतंक: हार्डवेयर दुकान से कैश और कीमती सामान चोरी, सीसीटीवी में कैद BIHAR ELECTION : बिहार विधानसभा चुनाव 2025: रैलियों के लिए हेलीकॉप्टरों की बुकिंग शुरू, रोज 20 चॉपर भरेंगे उड़ान Bihar News: क्या सच में बिहार की महिला ले रहीं राजनीति में इंट्रेस्ट, इस रिपोर्ट से जानिए हकीकत; बढ़ जाएगी नीतीश -तेजस्वी की टेंशन Child Aadhaar Card Rules : बच्चों के आधार कार्ड नियम बदले: अब माता-पिता के दस्तावेज अनिवार्य, सिर्फ जन्म प्रमाण पत्र से नहीं बनेगा आधार PhonePe: क्यों RBI ने PhonePe पर लगाया लाखों का जुर्माना? जानें... पूरी डिटेल ADR REPORT 2025 : राजनीतिक दल में केंद्र से लेकर प्रदेश तक..., वंशवाद की राजनीति में कौन आगे? लालू परिवार नहीं यह हैं सबसे आगे Bihar News: बिहार सरकार से 10 हजार रुपए लेकर क्या करने वाली हैं महिलाएं, जानिए पूरी सच्चाई; इस रिपोर्ट में मिलेगी पूरी जानकारी BIHAR ELECTION : चुनाव आयोग की नई पहल, जीविका दीदियां महिलाओं को वोटिंग के लिए करेंगी प्रेरित

सुशासन के दावों की हकीकत: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बिहार में चल रहा है सिर्फ पुलिस राज, सरकार को जमकर लगायी फटकार

सुशासन के दावों की हकीकत: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बिहार में चल रहा है सिर्फ पुलिस राज, सरकार को जमकर लगायी फटकार

10-Jul-2021 05:35 PM

By

PATNA : सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर बेहद तल्ख टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऐसा लग रहा है कि बिहार में पूरा पुलिस राज चल रहा है. शुक्रवार को बिहार सरकार की एक अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणियां की और बिहार सरकार की याचिका को खारिज कर दिया. 


क्यों की कोर्ट ने टिप्पणी
दरअसल मामला एक मिल्क टैंकर के ड्राइवर को अवैध तरीके से 35 दिनों तक हिरासत में रखने का है. बिहार पुलिस ने टैंकर ड्राइवर को गिरफ्तार कर 35 दिनों तक अपनी हिरासत में रखा और फिर एफआईआर दर्ज किया. पटना हाईकोर्ट ने पहले ही इस मामले में बिहार सरकार को जमकर फटकार लगायी थी औऱ पीड़ित ड्राइवर को 5 लाख रूपये का मुआवजा देने को कहा था. पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गयी. बिहार सरकार का कहना था कि टैंकर ड्राइवर के लिए पांच लाख का मुआवजा तय करना सही नहीं है, इस राशि को कम किया जाना चाहिये. 



सुप्रीम कोर्ट ने जमकर लगायी फटकार

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस चंद्रचूड़ औऱ जस्टिस एम. आऱ. शाह की खंडपीठ ने बिहार सरकार की याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट की बेंच ने कहा “बिहार सरकार को हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर ही नहीं करना चाहिये था. आपका आधार सिर्फ इतना है कि वह ड्राइवर है और इसलिए 5 लाख की राशि बहुत ज्यादा है. किसी इंसान को हुए नुकसान को इस नजरिये से नहीं देखा जा सकता कि अगर जिसके साथ घटना हुई वह एक अमीर आदमी है तो अधिक मुआवजा मिलना चाहिये. कानून की नजर में कम पैसे वाला आदमी भी  संपन्न व्यक्ति के समान है. पटना हाईकोर्ट ने 5 लाख रूपये मुआवजा देने का सही फैसला सुनाया है.”


बिहार में पुलिस राज
बिहार सरकार की ओर से कोर्ट में पेश वकील ने कहा कि ड्राइवर को पुलिस ने छोड़ दिया था फिर भी वह थाने से नहीं गया. नाराज सुप्रीम कोर्ट ने कहा “आप हमें ये कह रहे हैं कि ड्राइवर को छोड दिया गया था फिर भी वह पुलिस थाने में रहकर आनंद उठा रहा था. आप चाहते हैं कि कोर्ट आपकी दलील पर भरोसा कर ले.”


सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा
“क्या बिहार सरकार ने अपने ही डीआईजी की रिपोर्ट को देखा है? डीआईजी ने हाईकोर्ट में दिये बयान में साफ साफ कहा कि इस मामले में समय पर FIR नहीं किया गया, संबंधित व्यक्तियों का बयान नहीं लिया गया, वाहन का निरीक्षण नहीं किया गया और बिना किसी कारण के गाड़ी औऱ उसके ड्राइवर को थाने में डिटेन करके रखा गया.” 


जस्टिस चंद्रचूड़ ने नाराजगी में तल्ख टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि बिहार में पूरा पुलिस राज ही चल रहा है. नाराज कोर्ट ने बिहार सरकार की याचिका को खारिज कर दिया. इससे पहले बिहार सरकार ने कहा कि इस मामले में उसने थानेदार को सस्पेंड किया है. थानेदार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है. बिहार सरकार जिम्मेवारी से काम कर रही है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को मानने से इंकार कर दिया.


क्या है पूरा मामला
ये कारनामा सारण पुलिस ने किया था. हाईकोर्ट ने 22 दिसंबर 2020 को इस मामले में फैसला सुनाया था. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने बगैर एफआईआर किये टैंकर के ड्राइवर को जेल भेजने के लिए बिहार सरकार औऱ पुलिस को जमकर फटकार लगाते हुए पीड़ित ड्राइवर को 5 लाख रूपये मुआवजा देने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर तीन महीने में कार्रवाई करने को भी कहा था. हाईकोर्ट ने भी बिहार पुलिस को जमकर फटकार लगायी थी.


पटना हाईकोर्ट को इमेल से शिकायत मिली थी जिस पर कोर्ट ने सुनवाई की थी. कोर्ट को बताया गया था कि सारण जिले की परसा थाना पुलिस ने मिल्क टैंकर के ड्राइवर जितेंद्र कुमार उर्फ संजय कुमार को 29 अप्रैल को गिरफ्तार किया. लेकिन उसके खिलाफ प्राथमिकी 3 जून को दर्ज की गयी. यानि गिरफ्तारी के 35 दिन बाद ड्राइवर के खिलाफ FIR दर्ज किया गया. हाईकोर्ट ने इसे हैरान कर देने वाला मामला बताया था. पटना हाईकोर्ट ने बिहार में पुलिस की कार्यशैली को लेकर कई दिशा निर्देश भी दिये थे.


इसके बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की दी. बिहार सरकार का कहना था कि टैंकर के ड्राइवर के लिए 5 लाख रूपये का मुआवजा तय करना सही नहीं है. ड्राइवर को इतना पैसा नही दिया जा सकता.